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सुचारु मतदान के लिए चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, झारखण्ड और पूर्वोत्तर में केन्द्रीय पुलिस बलो की तैनाती के लिए पर्यवेक्षको की नियुक्ति की. गुप्तचर प्रमुख सहित आंध्रप्रदेश में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का किया गया तबादला.

चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की। आयोग ने पर्यवेक्षकों को चुनाव के दौरान निष्पक्ष चुनाव कराने के सभी पहलुओं की जानकारी दी। चुनाव आयोग पहले भी पर्यवेक्षकों के साथ बैठक कर चुका है। माना जाता है कि केंद्रीय पर्यवेक्षक चुनावों में आयोग की तीसरी आंख के रूप में कार्य करते हैं।

आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पूर्व नौकरशाहों गोपाल मुखर्जी और डीडी गोयल को आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के लिए विशेष व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में नियुक्त किया है। मुखर्जी को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना और गोयल को अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में तैनात किया गया है। आयोग ने शैलेंद्र हांडा और मधु महाजन को गुजरात और कर्नाटक का अतिरिक्त प्रभार देने का फैसला किया है।

आयोग ने इन अधिकारियों को 19 मार्च को विशेष व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में नियुक्त कर तमिलनाडु और कर्नाटक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पूर्व आईपीएस अधिकारी केके शर्मा को आयोग ने पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्यों के लिए विशेष केंद्रीय पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। शर्मा उक्त राज्यों में तैनाती और सुरक्षा संबंधी अन्य मुद्दों की देख-रेख करेंगे।

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद से अब तक 540 करोड़ रुपये का सामान जब्त किया है, जिसका उपयोग चुनाव में गड़बड़ी फैलाने या मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जाने वाला था। चुनाव आयोग ने इस चुनाव के दौरान अब तक जब्त किए गए सामान की लिस्ट जारी की है। इस चुनाव में अब तक 143.47 करोड़ रुपये की कुल नकदी जब्त की गई है। इसके साथ ही 89.64 करोड़ रुपये की शराब बरामद की गई है।

इसके अलावा चुनाव आयोग ने 131.75 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं और नशीले पदार्थ, 162.93 करोड़ रुपये की कीमती धातुएं और लोगों के बीच फ्री में बांटने वाली 12.202 करोड़ रुपये मूल्य की अन्य वस्तुएं जब्त की गई है। इस सामग्री को 25 मार्च तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बरामद किया गया है।

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