नई दिल्ली – आरकॉम ने सोमवार को एरिक्सन का बकाया 462 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को 19 मार्च तक की मोहलत दी थी, भुगतान नहीं करने पर आरकॉम के चेयरमैन को 3 महीने के लिए जेल भेजने की चेतावनी दी थी। बकाया भुगतान में मदद के लिए अनिल अंबानी ने बड़े भाई मुकेश अंबानी को धन्यवाद दिया है। आखिर मुसीबत के समय भाई ही भाई के काम आया।
संकट
की घड़ी में बड़े भाई मुकेश अंबानी ने छोटे भाई अनिल अंबानी को सहारा दिया
और एरिक्सन के 550 करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान में मदद की। इससे अनिल
अंबानी पर जेल जाने का जो संकट आया था वह टल गया। अनिल अंबानी ने सही समय
पर मदद करने के लिए बड़े भाई मुकेश और भाभी नीता अंबानी का धन्यवाद किया और
आभार जताया। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि भइया और भाभी ने उनकी समय पर
यह मदद करके परिवार के मजबूत मूल्यों और परिवार के महत्व को रेखांकित किया
है।दरअसल, यह मामला अनिल के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस पर दूरसंचार
उपकरण बनाने वाली स्वीडन की कंपनी एरिक्सन के करीब 550 करोड़ रुपये के
बकाया भुगतान से जुड़ा है।
अनिल के साथ साथ आरकॉम की दो इकाइयों
के चेयरमैन छाया विरानी और सतीश सेठ पर जेल जाने का खतरा मंडरा रहा था।
पिछले महीने इस मामले की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने बकाया नहीं
चुकाने को ‘जानबूझ कर भुगतान नहीं करने’ का मामला बताया और अंबानी को
‘अदालत की अवमानना’ का दोषी पाया। साथ ही कंपनी को आदेश दिया कि वह या तो
चार हफ्ते के भीतर एरिक्सन के बकाये का भुगतान करे या अनिल अंबानी तीन माह
जेल का कारावास भुगतें।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक, अनिल
को मंगलवार तक एरिक्सन का बकाया चुकाना था, अन्यथा उन्हें न्यायालय की
मानहानि के मामले में जेल जाना पड़ता। एरिक्सन के साथ 18 महीने लंबी कानूनी
लड़ाई के बाद कर्ज से दबी आरकॉम ने सोमवार को उसे 462 करोड़ रुपये चुका
दिए। एरिक्सन ने मेंटेनेंस सर्विस के रूप में आरकॉम पर इस रकम का दावा किया
था।
एरिक्सन के वकील अनिल खेर ने बताया, ‘एरिक्सन को ब्याज सहित
बकाया रकम मिल गई है। इसलिए आरकॉम के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की दायर याचिकाओं
को हम वापस लेंगे।’ सुप्रीम कोर्ट ने एरिक्सन का पैसा चुकाने के लिए आरकॉम
को 19 मार्च तक की मोहलत दी थी। उसने कहा था कि भुगतान नहीं करने पर आरकॉम
के चेयरमैन को तीन महीने के लिए जेल जाना होगा।
इस मामले में अनिल
अंबानी की कंपनी ने पहले सुप्रीम कोर्ट के पास 118 करोड़ रुपये जमा किए थे।
एक सूत्र ने बताया कि 20 दिन पहले उसने 3 करोड़ रुपये का ब्याज भी जमा
कराया था। सोमवार को कंपनी ने एरिक्सन को सीधे 458.77 करोड़ रुपये चुकाए और
उसे सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से 3 करोड़ रुपये और मिले। अभी तक यह पता
नहीं चला है कि आरकॉम के पास एरिक्सन को चुकाने के लिए पैसा कहां से आया।
इस कंपनी ने कुछ समय पहले खुद के दिवालिया होने की अर्जी देने का फैसला
किया था।
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन से पहले ही स्वीडिश कंपनी एरिक्सन को बकाया 459 करोड़ रुपए चुका दिए हैं। इसमें ब्याज की रकम भी शामिल है। आरकॉम 118 करोड़ रुपए पहले ही जमा कर चुकी थी।
