अफ़ग़ानिस्तान, चाबहार के ज़रिए औपचारिक रूप से भारत से जुड़ा।
अफगान राष्ट्रपति अशरफ ग़नी ने चाबहार बंदरगाह के ज़रिए भारत पहुंचने वाले
माल की पहली खेप को दिखाई हरी झंडी।
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी
को बढ़ावा देने के मकसद से अफगानिस्तान ने ईरान के चाबहार बंदरगाह से अपने
माल की पहली खेप भारत भेजी। पश्चिमी अफगान शहर जारंज में आयोजित एक
कार्यक्रम में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने चाबहार पोर्ट के
माध्यम से भारत के लिए पहली खेप को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। इस खेप
में 23 ट्रक शामिल है जिसमें 570 टन माल है। यह खेप चाबहार से जहाज के जरिए
मुंबई पहुंचेगी।
अमेरिका ने ईरान में रणनीतिक महत्व के चाबहार
पोर्ट के विकास के लिए भारत को कुछ खास प्रतिबंधों से छूट दी थी। इन छूटों
में चाबहार पोर्ट को अफगानिस्तान से जोड़ने वाली रेलवे लाइन का निर्माण भी
शामिल है। इस छूट को ओमान की खाड़ी में बंदरगाह के विकास में भारत की
भूमिका को अमेरिका की मान्यता के तौर पर देखा गया। चाबहार बंदरगाह युद्ध की
त्रासदी झेल चुके अफगानिस्तान के विकास में बेहद रणनीतिक महत्व रखता है।
भारत
ने चाबहार पोर्ट के जरिए अफगानिस्तान को 1.1 मिलियन टन गेहूं और 2000 टन
मसूर की दाल निर्यात किया है। दोनों देशों ने 2017 में एयर कॉरिडोर स्थापित
किया था। 2018 में अफगान का भारत को निर्यात 740 मिलियन डॉलर का था और यह
उसका सबसे बड़ा निर्यात केंद्र है।
