चंडीगढ़ – पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज विधानसभा में अकालियों से अपील की कि वह सरकार के साथ मिलकर श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित समागम को उचित ढंग से मनाने को यकीनी बनाएं। उन्होंने विधानसभा में शिरोमणी अकाली दल के डिप्टी नेता को कहा कि वह इस बाबत पार्टी लीडरशिप के साथ विचार करें। राज्यपाल के भाषण पर अपने जवाब के दौरान बोलते हुुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे पवित्र अवसर सभी के सहयोग और सांझे यत्नों से ही संपूर्ण होते हैं, जिसके लिए हमें राजनैतिक स्तर /सीमाओं से ऊपर उठकर चलना चाहिए। प्रकाश पर्व के पवित्र अवसर पर कांग्रेस पार्टी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के करतारपुर गलियारे को खोले जाने सम्बन्धी किये यत्नों को सफलता मिलने को कांग्रेस की जीत बताते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने खुद भी करतारपुर गलियारे को खोले जाने का मुद्दा कई बार उठाया और अब यह गलियारा बिना वीज़ा और पासपोर्ट की शर्त से खोला जाना चाहिए जिससे श्रद्धालुओं के लिए खुले दर्शन दीदार यकीनी बनाए जा सकें। उन्होंनेे कहा यदि पासपोर्ट और वीज़ा लाजि़मी होता है तो लाखों श्रद्धालू दर्शनों से वंचित रह जाएंगे जो कि सरासर तर्कहीन है। उन्होंने कहा कि इस बाबत वह पहले ही केंद्र को उनके द्वारा कि गई विनती मानने के लिए पहुँच कर चुके हैं। इस अवसर पर विधायक हरदयाल सिंह कम्बोज़ द्वारा आग्रह को स्वीकृत करते हुए मुख्यमंत्री ने पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला में महान शहीद उधम सिंह के नाम पर चेयर स्थापित करने को मंजूरी दी जो कि नौजवानों में देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना को और मज़बूत करने में सहायक होगा। मुख्यमंत्री ने अंडमान जेल में सज़ा काटने वाले कई पंजाबियों के नाम लिखे होने की बात करते हुए सुझाव दिया कि उन पंजाबियों की याद में यादगार मेमोरियल स्थापित किया जाये। स्पीकर राणा के.पी सिंह ने सदन को बताया कि विधानसभा इस सम्बन्धी पहले ही एक कमेटी का गठन कर चुकी है जो जल्द ही अंडमान और निकोबार टापू पर बनी जेल का दौरा कर केंद्र सरकार को सुझाव देगी कि इन जेलों में सज़्ाा काटने वालों के महान बलिदानों को बनती मान्यता दी जाये। जलियांवाला बाग़ के शौर्यगाथा के लिए ब्रिटिश सरकार से माफी मंगवाने सम्बन्धी सदन द्वारा आज सर्वसम्मती से पास किये गए प्रस्ताव सम्बन्धी मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि ‘ हाऊस ऑफ लॉर्डस ’ में इस सम्बन्धी अन्य सदस्यों द्वारा किये जा रहे संघर्ष को और बल मिलेगा जहाँ आजकल इस मुद्दे पर बहस जारी है।
