इस्लामाबाद-कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपना पक्ष रखने के लिए पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को हेग के लिए रवाना हुआ है। यह जानकारी यहां के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 18 फरवरी को होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने डॉन को बताया कि पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर आईसीजे में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। बता दें कि आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने भारत की अपील पर निर्णय करने तक जाधव की सजा के तामील पर रोक लगा रखी है।गौरतलब है कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने भारतीय नागरिक जाधव को अप्रैल, 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान सेना के इस फैसले के खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का रुख किया था। इसके बाद कोर्ट ने जाधव की मौत की सजा को स्थगित कर दिया था। जाधव केस में भारत और पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में पहले ही अर्जियां और जवाब लगा रखे हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई 18 से 21 फरवरी मुकर्रर की थी।इस मामले में भारत ने जाधव का पक्ष लेते हुए कहा था कि सभी आरोप बेबुनियाद है। भारत का दावा है कि पाकिस्तान ने जाधव को ईरान से अगवा किया था। भारत का कहना है कि जाधव नौसेना से सेवानिवृत के बाद अपने कारोबार के लिए ईरान गए थे। उनका सरकार या जासूसी से कोई लेनादेना नहीं है। अपने लिखित दलीलों में भारत ने पाकिस्तान पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इस मामले में पाकिस्तान का दावा है कि जाधव के खिलाफ उसके पास सारे सबूत है। पाकिस्तान यह भी दावा करता रहा है कि खुद जाधव ने विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने की बात कबूल की है।पाकिस्तान का कहना है कि उसके सुरक्षाबलों ने मार्च, 2016 में बलूचिस्तान प्रांत में जाधव को गिरफ्तार किया था जहां वह ईरान से कथित रूप से घुस आए थे। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पाकिस्तान ने कहा था कि जाधव कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, क्योंकि वह जासूसी और विध्वंसक गतिविधियां करने के इरादे से देश में घुसे थे।
