हाल ही में एक स्टडी आई है, जिसमें सामने आया है कि फलों और
सब्जियों के ज्यादा सेवन से डायलिसिस के मरीजों में अकाल मृत्यु के रिस्क
को कम किया जा सकता है।
किडनी शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है,
जो एक फिल्टर के तौर पर काम करती है, लेकिन जब यह फेल हो जाए तो फिर मरीज
का डायलिसिस करना पड़ता है। ऐसे में डायलिसिस के मरीज को ऐसा खान-पान रखना
पड़ता है, जिससे उसके शरीर में टॉक्सिन्स जमा न हों और उन्हें आर्टिफिशल
तरीके से निकाल दिया जाए।
जिन मरीजों की किडनी फेल होती है,
उन्हें आमतौर पर ऐसे डाइट के सेवन से मना किया जाता है क्योंकि इससे उनके
शरीर में पोटेशियम की अत्यधिक मात्रा इकट्ठा हो सकती है। हालांकि इस स्टडी
में देखा गया कि फलों और सब्जियों के ज़्यादा सेवन से ह्रदय रोगों का खतरा
कम होता है और मृत्यु दर भी घटती है। हाल ही में एक स्टडी आई है, जिसमें
सामने आया है कि फलों और सब्जियों के ज्यादा सेवन से डायलिसिस के मरीजों
में अकाल मृत्यु के रिस्क को कम किया जा सकता है।
इस स्टडी के
लिए शोधकर्ताओं ने डायलिसिस के 8,078 मरीजों को लिया। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ
नेफ्रोलॉजी के क्लिनिकल जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट में सामने आया कि
जिन मरीजों ने प्रति सप्ताह फलों और सब्जियों के कॉम्बिनेशन की 10
सर्विंग्स खाईं, उनमें किसी भी कारण से मृत्यु दर जोखिम 10 फीसदी कम था और
गैर-हृदय संबंधी कारणों से होने वाली मौतों का जोखिम 12 फीसदी कम था।
इसके
अलावा, 10 से अधिक सर्विंग्स वाले लोगों में किसी भी कारण से मृत्यु का
जोखिम 20 फीसदी कम और गैर-हृदय कारणों से मौत का जोखिम 23 फीसदी कम था।
यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के असोसिएट प्रफेसर जर्मेन वोंग ने कहा, ‘इन
निष्कर्षों से पता चलता है कि शरीर में पोटेशियम के लोड को कम करने के लिए
डायलिसिस के मरीजों को अगर ज़्यादा फलों और सब्जियों के सेवन से रोका जाता
है, तो इससे वह इनसे मिलने वाले पोषक तत्वों से वंचित रह जाते हैं।
हालांकि, हेमोडायलिसिस के मरीजों के फलों और सब्जियों का खाया जाना बेहद
ज़रूरी है ताकि उनकी आहार संबंधी अनुशंसा को पूरा किया जा सके।
