संसार

धरती को हरा-भरा बनाने के लिए भारत और चीन कर रहे हैं काम, नासा ने लगाई मुहर

वाशिंगटन-धरती को हरा-भरा बनाने में भारत और चीन का अहम योगदान सामने आया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के नए अध्ययन से पता चला है कि ये दोनों देश हरियाली के वैश्विक प्रयासों की अगुआई कर रहे हैं। यह भी जाहिर हुआ है कि 20 साल पहले की तुलना में दुनिया ज्यादा हरी-भरी हुई है। नासा के अध्ययन का यह नतीजा भारत और चीन को लेकर दुनिया में बनी धारणा के उलट है।बोस्टन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ची येन के अनुसार, ‘भारत और चीन धरती पर हरियाली बढ़ाने की ओर अग्रसर हैं। दोनों देश धरती पर एक तिहाई हरियाली के लिए उत्तरदायी हैं, लेकिन दोनों देशों में दुनिया में पेड़-पौधों से आच्छादित क्षेत्र का महज नौ फीसद हिस्सा ही है। यह नतीजा उस आम धारणा के उलट है कि बड़ी आबादी वाले देशों में ज्यादा दोहन के चलते हरित क्षेत्रों में गिरावट आ रही है।’ नासा के एम्स रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक रामा नेमानी ने कहा, ‘धरती की हरियाली पर पहली बार गौर किया गया है। बीती सदी के आठवें और नौवें दशक में भारत और चीन में हरित क्षेत्रों की स्थिति अच्छी नहीं थी। बीती सदी के अंतिम दशक में लोगों ने इसे समझा और अब इसमें सुधार हुआ है।’
इस तरह किया गया अध्ययन:-नासा के इस अध्ययन में साल 2000 से 2017 के दौरान उपग्रह से ली गई तस्वीरों का विश्लेषण किया गया। इसमें भारत और चीन में चकित करने वाला हरियाली का पैटर्न सामने आया। दोनों देश दुनिया में कृषि भूमि से ज्यादा आच्छादित दिखाई दिए।
भारत में कृषि तो चीन में वन क्षेत्र ज्यादा;-नासा के अनुसार, चीन में वन क्षेत्र 42 फीसद और कृषि क्षेत्र 32 फीसद है। जबकि भारत में ज्यादातर कृषि भूमि (82 फीसद) है। वन क्षेत्र का योगदान महज 4.4 फीस है।
वन क्षेत्र बढ़ाने में जुटा चीन:-चीन वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए कई महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों पर काम कर रहा है। इसका मकसद वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को कम करना है।
भारत-चीन में खाद्य उत्पादन 35 फीसद बढ़ा:-साल 2000 से भारत और चीन में खाद्य उत्पादन में 35 फीसद से ज्यादा का इजाफा हुआ है। कृषि सुविधाओं और खादों के उपयोग से कृषि क्षेत्र में वृद्धि हुई है। भारत में भूजल सिंचाई की सुविधा से खाद्य उत्पादन काफी बढ़ा है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.

18 + twenty =

Most Popular

To Top