प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत बानने के उद्देश्य
से विशाखापत्तनम स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) सुविधा सहित कई
परियोजनाओं की शुरूआत की। वहीं प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर में
एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधते
हुए कहा- राज्य की तरक्की के बजाय बेटे को दे रहे है बढ़ावा।
भारत
की ऊर्जा ज़रुरतें बिना किसी रूकावट के पूरी हों, प्रकृति के अनुकूल हों और
भारत की आर्थिक गति को तेज़ करने वाली हों इसी मद्देनज़र देश में कई
महत्वकांक्षी योजनाएं चल रही हैं। प्रधानमंत्री ने दक्षिण भारत की यात्रा
पर एक बार फिर पेट्रोलियम संयंत्र का लोकार्पण कर नए भारत की झलक दिखाई।
नया
भारत ऊर्जा संपन्न हो,ऊर्जा ज़रुरतों के लिए किसी पर निर्भर ना रहे.. यही
सपना है प्रधानमंत्री मोदी का…वजह यही है कि आंध्रप्रदेश के गुंटूर में
प्रधानमंत्री ने राज्य के लिए तीन पैट्रोलियम परियोजनाओं की आधारशिला और
लोकार्पण किया।
प्रदेश के कृष्णापत्तनम में बनने वाले भारत
पेट्रोलियम के जैविक ईंधन के संयंत्र की आधारशिला रखी। ये आंध्र प्रदेश और
तेलंगाना में पाईपलाइन नेट्वर्क का केंद्र भी होगा। इसके अलावा ओएनजीसी के
एस 1 वशिष्ठ डिवेलप्मेंट प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन किया,कृष्णा गोदावरी
बेसिन स्थित ये परियोजना पर क़रीब 5700 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुई
है। फ़िलहाल ये 40 लाख क्यूबिक मीटर गैस रोज़ाना उत्पादित कर रहा है। तीसरी
परियोजना इंडियन स्ट्रेटिजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड 1.33 एमएमटी
क्षमता वाली देश को समर्पित की।हमारा प्रयास है कि हमारी जो कोस्टल लाइन
है, चाहे दक्षिण भारत हो, पूर्वी भारत होया फिर पश्चिमी भारत, उनको
पेट्रोलियम के हब के तौर पर विकसित किया जाए। हमारा लक्ष्य है न्यू इंडिया
को एक नई, साफ सुथरी, प्रदूषण रहित आर्थिक ताकत बनाने का।
गैस
आधारित उद्योगों और बढ़ावा देने और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए
प्रधानमंत्री ने शनिवार को ही असम में बरौनी-गुवाहटी गैस ग्रिड की शुरूआत
की है। देश की ऊर्जा ज़रुरतों को पूरा करने के साथ ही पर्यावरण के लिए भारत
प्रतिबद्ध है। बात चाहे दुनिया में सौर ऊर्जा को लेकर अगुवाई करने की हो
या फिर देश भर में एलपीजी कनेक्शन,गैसपाइप लाइन के ज़रिए रसोई गैस और
उद्योगों तक सीएनजी की सप्लाई सुनिश्चित करने की हो सरकार चौतरफा प्रयास कर
रही है। एक तरफ हम Gas Based Economy की बात कर रहे हैं तो वहीं देश के
गरीब से गरीब परिवार को, गरीब बहनों को, दलित, वंचित, आदिवासी बहनों को
मुफ्त में LPG कनेक्शन देने का काम भी तेज़ी से चल रहा है।
देश में
LPG काकनेक्शन दिया जाना 1955 में शुरू हुआ था। इसके बाद 60 साल में 12
करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए। जब कि हमारी सरकार पिछले साढ़े 4 साल में लगभग
13 करोड़ नए गैस कनेक्शन दे चुकी है। इसी का नतीजा है कि साल 2014 में जहां
देश के सिर्फ 55 प्रतिशत लोगों के पास गैस कनेक्शन था, वहीं आज उसका दायरा
बढ़कर 90 प्रतिशत हो चुका है।तिरुपुर तमिलनाडु में भी प्रधानमंत्री ने
सीपीसीएल के एन्नौर तटीय टर्मिनल, चेन्नई से मनाली रिफाइनरी तक नए क्रूड
ऑयल पाइप लाइन का उद्घाटन किया।धारवाड़ में नगर गैस वितरण परियोजना, 1.5
एमएमटी क्षमता वाली मंगलौर रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व सुविधा और आईएसपीआरएल
की 2.5 एमएमटी पडूर एसपीआर सुविधा राष्ट्र को समर्पित किया।
देश
में चल रही उज्जवला योजना हो या फिर गैस पाइपलाइन का बढ़ता जाल एक मज़बूत
और सशक्त भारत की ओर बढ़ते क़दम ही हैं। जनवरी महीने में ही प्रधानमंत्री
ने पेट्रोलियम पदार्थों की एक रिफाइनरी का केरल में लोकापर्ण किया। कोच्चि
की ये रिफाइनरी वैश्विक मानकों के मुताबिक बनी है। वहीं जनवरी महीने की
शुरूआत में ही प्रधानमंत्री ने पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर एलपीजी पाइप 513
किलोमीटर लम्बे खंड का शिलान्यास किया जो 1,080 करोड़ रुपये की लागत से
बनेगा। वहीं दिसंबर में 1200 किमी. लम्बी पारादीप- हैदराबाद पाइपलाइन जो
3,800 करोड़ रुपए की लागत से 2 साल में बनकर तैयार होगी इसका भी कार्यारंभ
किया गया। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री सोमवार को पेट्रोलियम क्षेत्र के अहम
सेमिनार पेट्रोटेक 2019 के उद्घाटन सत्र को भी संबोधित करेंगे। यानि पूर्व
से पश्चिम उत्तर से दक्षिण भारत में ऊर्जा ज़रुरतों के लिए अत्याधुनिक
भविष्य की चुनौतियों के मद्देनज़र ऐसी आधारभूत संरचना का निर्माण हो रहा है
जो भारत की अर्थव्यवस्था में भी एक अहम योगदान देगा।
टीडीपी नेता
चंद्रबाबू नायडू पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के
विकास के लिए केंद्र सरकार ने पर्याप्त पैसा दिया है,लेकिन राज्य सरकार ने
पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया।प्रधानमंत्री ने कहा कि चौकीदार ने सबकी
नींद हराम कर दी है। ऐसे में आंध्र प्रदेश के सीएम को पाई-पाई का हिसाब
देना होगाचंद्रबाबू नायडू द्वारा राज्य में विरोध प्रदर्शन कराए जाने और
काला दिवस घोषित करने पर प्रधानमंत्री ने तंज कसा और कहा कि यह काला दिन
नहीं बल्कि नज़र न लगने के लिए काला टीका है।
