राज्य सरकार ने राज्य में हुई भारी बर्फबारी के कारण आवश्यक सेवाओं की
बहाली सुनिश्चित करने के लिए 35.17 करोड़ रूपए की राशि जारी की है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यह बात राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों
के साथ राज्य में हुई भारी बर्फबारी के कारण उत्पन्न हुई स्थिति की समीक्षा
बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य
में भारी बर्फबारी के कारण प्रभावित होने वाली सभी आवश्यक सेवाओं को
तत्काल बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में
लगभग 1093 सड़के पर बर्फ के कारण यातायात बाधित हुआ था जिनमें से 204 को आज
शाम तक बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को शेष बची सभी सड़कों की
कल शाम तक बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्याप्त
मात्रा में मशीनरी तथा कर्मियों को तैनात किया गया है, जिससे कि (सड़कों पर
वाहनों की आवाजाही को सुनिश्चित किया जा सकेगा) शीघ्र बहाली सुनिश्चित की
जा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि
अस्पतालों जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए जाने वाले सभी सड़कों व मार्गों को
प्राथमिकता दी जाए ताकि रोगियों को किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि राज्य में भारी बर्फबारी से 25 सड़कें बुरी तरह से प्रभावित
हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बर्फबारी के चलते 415 से अधिक
जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि मण्डी जिले में 120
जलापूर्ति योजनाएं, किनौर जिले में 60, चम्बा जिले में 89, कांगड़ा में 5,
कुल्लू में 43 और रोहडू सर्कल में 25 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं में से अधिकतर को आज शाम तक बहाल कर दिया जाएगा
तथा शेष बची योजनाएं एक दिन में बहाल कर दी जाएगी।
जय राम ठाकुर ने
कहा कि भारी बर्फबारी के कारण राज्य के कई भागों में विद्युत आपूर्ति भी
बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि अधिकतर जिला मुख्यालयों में
विद्युत आपूर्ति को बहाल कर दिया गया है तथा शेष भागों में आज शाम तक बिजली
आपूर्ति बहाल करने के प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने राज्य विद्युत
बोर्ड के अधिकारियों को राज्य के प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति
एक दिन के भीतर बहाल करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बी.एस.एन.एल
के अधिकारियों को संचार सेवाओं को जल्द से जल्द सुचारू करने के निर्देश
दिए ताकि लोगों को संचार में असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा
कि राज्य के सभी जिला मुख्यालय तथा तीन जनजातीय उपमण्डलों में जल्द ही 15
सैटेलाईट फोन उपलब्ध करवाएं जाएगें। उन्होंने कहा कि इन सैटेलाईट फोन की
उपलब्धता से प्राकृतिक आपदाओं के समय प्रभावी संचार सुविधाएं सुनिश्चित
होगीं।
मुख्य सचिव बी.के अग्रवाल ने सुझाव दिया कि पहले चरण में
महत्वपूर्ण बिन्दुओं के लिए तीन स्नो कटर खरीदें जाए तथा धरातल स्थिति का
अवलोकन करने के बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा इस संदर्भ में योजना तैयार की
जाए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व और लोक निर्माण मनीषा नंदा ने
मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि राज्य में आवश्यक सेवाओं की बहाली
सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएगें। उन्होंने कहा कि सभी
विभागों को आवश्यक सेवाओं की शीघ्र बहाली के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रभावी
समन्वय सुनिश्चित करने को कहा गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, प्रधान सचिव एम.पी.पी और
ऊर्जा प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुन्डू,
मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डी.सी. राणा, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड
लि0 के प्रबंध निदेशक जे.पी काल्टा, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के
प्रमुख अभियंता विक्रांत सुमन, ई.एन.सी लोक निर्माण विभाग आर.पी वर्मा,
ई.एन.सी परियोजनाएं और राष्ट्रीय राजमार्ग आर.के. वर्मा अन्य गणमान्य
व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
