8 घंटे से अधिक नींद भी बनती है दिल के रोगों का कारण
अधूरी
नींद कई गंभीर बीमारियों का कारण हो सकती है, लेकिन हालिया शोध के मुताबिक
सबसे ज्यादा खतरा हृदय संबंधी बीमारियों का होता है। मगर क्या आप जानते
हैं कि 8 घंटे से अधिक सोने वालों को दिल की बीमारियां होने का खतरा रहता
है।
छह घंटे से कम की नींद दिल के दौरे और आघात का कारण बन सकती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि छह घंटे से कम की नींद लेने वालों में सात से आठ
घंटे की नींद लेने वालों के मुकाबले हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा 35
प्रतिशत अधिक होता है। पर्याप्त नींद न लेने के चलते ऐथिरोस्क्लेरोसिस का
खतरा मंडरा सकता है। ऐथिरोस्क्लेरोसिस एक बीमारी है, जिसके कारण धमनियों
में ‘प्लाक’ जमने लगता है।
अध्ययन में आठ घंटे से अधिक की नींद लेने
वालों में भी ऐथिरोस्क्लेरोसिस का खतरा देखा गया। शोधकर्ताओं ने पाया की
खासतौर से जो महिलाएं आठ घंटे से अधिक की नींद लेती हैं, उनमें दिल संबंधी
बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि अच्छी
गुणवत्ता की छोटी नींद भी हानिकारक प्रभावों को दूर करती है। अध्ययन में उन
कारणों को भी देखा गया, जो नींद को प्रभावित करते हैं। इनमें ज्यादा
अल्कोहल और कैफीन का सेवन सबसे प्रमुख था।
मैड्रिड में स्थित स्पेनिश
नेशनल सेंटर फॉर कार्डियोवैस्कुलर रिसर्च (सीएनआईसी) की ओर से कराए इस शोध
के परिणाम बताते हैं कि दिल के रोग के इलाज में सोने के तरीके में बदलाव
दवाओं की तुलना में ज्यादा असरदार और सस्ता हो सकता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ
कार्डियोलॉजी में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है।
शोधकर्ताओं ने
प्रतिभागियों को चार समूह में बांटा। छह घंटे से कम नींद लेने वाले, छह से
सात घंटे की नींद लेने वाले, सात से आठ घंटे की नींद लेने वाले और आठ से
अधिक घंटे की नींद लेने वाले। कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का प्रमाण देखने
के लिए प्रतिभागियों का 3-डी अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन भी किया गया।
इसके
अलावा अध्ययनकर्ताओं ने नींद की गुणवत्ता इस आधार पर देखी कि कोई कितनी
बार रात में जागता है और कितनी बार करवट बदलता है। जो प्रतिभागी हर रात छह
घंटे से कम सोए उनमें सात से आठ घंटे की नींद लेने वालों के मुकाबले 27
प्रतिशत अधिक दिल की बीमारियों का खतरा देखा गया। इसके साथ ही सुकून भरी
नींद नहीं लेने वाले और रात में कई बार जागने वाले लोगों में सुकून भरी
नींद लेने वालों के मुकाबले 34 प्रतिशत अधिक इस बीमारी का खतरा पाया गया।
