वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति एवं विपक्ष के नेता जुआन गुएदो की इस पहल से यहां की सियासत में एक नया मोड़ आ गया है। गुऐदा ने चीन और रूस को इस बात के लिए आश्वस्त किया है कि वेनेजुएला में उनके हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी। उनकी यह पहल ऐसे वक्त हुई है जब चीन और रूस ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को अपना समर्थन दे रखा है। गुऐदा के इस कदम से राष्ट्रपति निकोलस मादुरो अपने समर्थकों से अलग-थलग पड़ सकते हैं। गुऐदा को अमेरिका समर्थित माना जाता है।
विपक्ष के नेता गुऐदा ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के समर्थक देशों रूस और चीन के साथ संवाद स्थापित किया है। गुएदो ने रायटर को बताया कि उसने दोनों शक्तियों को यह संदेश भेजा है। रूस और चीन, वेनेजुएला के शीर्ष विदेशी निवेशक हैं और यूएन सुरक्षा परिषद में मादुरो का समर्थन करते हैं। लेकिन दोनों देश इसके बावजूद वेनेजुएला की आर्थिक हालात को लेकर चिंतित हैं।उन्होंने कहा कि वेनेजुएला की स्थिरता में रूस और चीन बड़े कारक बन सकते हैं। एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
गुएेदा ने कहा कि मादुरो के नेतृत्व में वेनेजुएला की आर्थिक और सामरिक रक्षा नहीं हो सकती है। वह निवेश करने वाले देशों के हितों की रक्षा करने में असमर्थ है। 35 वर्षीय गुऐदा ने तर्क दिया कि वेनेजुएला, ओपेक के एक सदस्य के पास दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार है। लेकिन जबर्दस्त वित्तीय दबाव के कारण वह इन राष्ट्रों के हितों की रक्षा नहीं कर पा रहा है।इस बीच चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा है कि वह गुऐदा के संपर्क में हैं।
उन्होंने कहा कि वे वेनेजुएला की स्थिति के बारे में विभिन्न माध्यमों से सभी पक्षों के साथ करीबी संवाद बनाए हुए हैं। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि वेनेजुएला के साथ चीन का सहयोग समानता, पारस्परिक लाभ और संयुक्त विकास के सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि किसी भी हालात में चीन और वेनेजुएला के बीच सहयोग को नुकसान नहीं होगा। शुआंग ने कहा कि चीन लगातार वेनेजुएला के हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
