पाकिस्तान गाहे-बगाहे भारत के साथ संबंध सुधारने का जो ढोंग करता रहता है, विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की ऐसी हालिया कोशिश पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उससे कुछ कड़े सवाल भी पूछे हैं कि अगर पाकिस्तान वार्ता को लेकर इतना गंभीर है, तो फिर आतंकियों का साथ क्यों दे रहा है. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया की केवल बयान से बात नहीं बनेगी, बल्कि पाकिस्तान को इसके लिए ठोस कदम उठाने होंगे.
पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकवादियों को प्रश्रय देता रहता है और बीच बीच में वार्ता की भी पेशकश करता रहता है. पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के बातचीत के बारे मे दिए ताजा बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि वार्ता को लेकर पाकिस्तान के बयान में गंभीरता नहीं है और केवल बयान से बात नहीं बनेगी बल्कि पाकिस्तान को इसके लिए ठोस कदम उठाने होगा.
विदेश मंत्रालय ने वार्ता के प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए पाक सरकार से कुछ प्रश्न पूछे हैं. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, जब पाक सरकार वार्ता की बात कर रही है तो इमरान सरकार के मंत्री प्रतिबंधित आतंकवादियों के साथ मंच क्यों साझा क्यों कर रहे हैं. अगर पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है तो फिर वह पठानकोट और मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करता है? हमेशा मामले को टाला क्यों जा रहा है. अगर वह वार्ता को लेकर गंभीर है तो अपनी जमीन से आतंकवादियों को प्रश्रय क्यों दे रहा है. पाक की ओर से प्रतिबंधित संगठनों को मदद लगातार जारी है. पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रहा है.
भारत का कहना है कि पाकिस्तान अपनी वित्तीय स्थिति से ध्यान हटाने के लिए दूसरों देशों के ऊपर बयानबाजी कर रहा है. भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के बयान पर विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर पलटवार किया और कहा कि वो भारत को इस मामले में सीख देने की बजाए खुद के देश के हालात के बारे में ध्यान दे.
विदेश मंत्रालय ने अपनी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अफगानिस्तान और ईरान का भी जिक्र किया. तालिबान के बारे में सेना प्रमुख बिपिन रावत के बयान के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में शांति और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया का समर्थक है और इस बारे में समावेशी प्रक्रिया के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि भारत इस रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है. ईरान पर अमेरिकी पाबंदी के बावजूद ईरान से तेल की खरीद के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत इस मामले में सभी पक्षों के साथ वार्ता कर रहा है और वो ईरान से तेल का आयात करता रहेगा.
