केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आधार पर एक ब्लॉग लिखकर इस मामले में पूर्व की यूपीए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आधार के मामले में उस वक्त के प्रधानमंत्री दुविधा में थे. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने यूपीए के समय बनाए कानून को दोबारा परखा और प्रभावी तरीके से गरीबों तक पहुंचाने के लिए इसे पूरी तरह बदला.
वित्त मंत्री ने कहा कि आधार गेम चेंजर है और यूपीए में विरोधाभासों के कारण इसे पूरे मन से लागू नहीं किया गया. इस पर श्रेय लेने के बजाय कांग्रेस के वकीलों ने अदालत में इसके खिलाफ खड़ा होकर खुद को तकनीक विरोधी और आधार विरोधी चेहरे के रूप में पेश किया.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आधार के फायदों को गिनाते हुए कहा कि पिछले 28 महीनों के दौरान 122 करोड़ आधार नंबर जारी किए गए और 99 प्रतिशत वयस्क जनसंख्या इसके दायरे में आ गई. उन्होंने कहा कि 58.24 करोड़ राशन कार्ड को जोड़ा गया. 10.33 करोड़ मनरेगा कार्ड धारकों को डीबीटी के जरिए सीधे खाते में भुगतान किया गया. सरकार का अनुमान है कि मार्च 2018 तक सरकार ने आधार के इस्तेमाल से 90,000 करोड़ रुपये बचाए. ज्यादातर योजनाओं में लाभार्थियों को सीधे खाते में पैसे हस्तांतरित किए जा रहे हैं.
पिछले साल 15 दिसंबर तक 63.52 करोड़ बैंक अकाउंट आधार से जोड़े गए. आधार के जरिए 425 करोड़ रुपये की कुल सब्सिडी का लेन-देन हुआ. आधार के जरिए हस्तांतरित की जाने वाली कुल सब्सिडी की राशि 1 लाख 69, 868 करोड़ रुपये के बराबर हो गई है. उन्होंने कहा कि आधार के जरिए जो पैसा बचाया गया वह गरीबों के काम आएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि एक निर्णय लेने वाले पीएम ने इसे संभव कर दिखाया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे शुरू करने वाले नंदन निलेकणी और बाद में इसे अमलीजामा पहनाने वाले डॉक्टर अजय भूषण पांडे की सराहना की.
