संसद में लंबे गतिरोध के बाद शुक्रवार को कामकाज देखने को मिला. दोनों ही सदनों में कामकाज हुआ तो कई मुद्दों पर बहस भी देखने को मिली. इस सत्र की शुरुआत से ही बने गतिरोध के चलते कई महत्वपूर्ण विधेयक लटके हुए हैं. अब सत्र के मात्र 2 दिन बचे हैं ऐसे में सरकार की कोशिश होगी कि प्राथमिकता के आधार पर जरूरी विधेयकों को पास करा लिया जाए.
शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में सुचारु रूप से कामकाज हुआ. एक ओर जहां दोनों सदनों में प्रश्नकाल पूरा हुआ. साथ ही शून्यकाल में सदस्यों में अहम मुद्दों को भी उठाया.
लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदस्यों के कई सवालों के जबाब दिए, तो वहीं संचार मंत्री ने राज्यसभा में डाटा चोरी के सवाल पर सदन को बताया कि सरकार डाटा सुरक्षा से जुड़ा विधेयक लेकर आएगी.
शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में महिला आरक्षण के मुद्दे पर हर पार्टी से एक महिला सदस्य ने इसके समर्थन में अपने विचार रखे, तो लोकसभा में सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश का मुद्दा भी जोरशोर से उठा.
मौजूदा सत्र में कई मुद्दों पर बीते हफ्ते संसद के दोनों सदनों में खूब हंगामा देखने को मिला. लोकसभा में शुक्रवार को निलंबित किए गए एआईएडीएमके और टीडीपी सांसदों को वापस बुलाने का अनुरोध भी किया गया, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ने सभी के साथ मिल बैठकर विचार किए जाने का आश्वासन दिया. संसद के शीतकालीन सत्र में अब फिलहाल दो दिन और बचे हैं. ऐसे में सरकार की प्राथमिकता होगी की अहम विधेयकों को पारित कराया जाए.
लोकसभा ने शुक्रवार को आधार और अन्य विधियां संशोधन विधेयक-2018 को मंजूरी दे दी. जिसमें आधार संख्या रखने वाले बच्चों को 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर अपनी आधार संख्या रद्द करने का विकल्प दिया गया है. इस विधेयक में निजी अस्तित्वों द्वारा आधार के उपयोग से संबंधित आधार अधिनियम की धारा का लोप करने का प्रावधान है. विधेयक में नागरिकों की निजता सुरक्षित रखने और दुरुपयोग रोकने को भी ध्यान में रखा गया है.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह सुनिश्चित किया गया है कि बैंकों और मोबाइल कंपनियों में केवाईसी फॉर्म में आधार वैकल्पिक होगा. यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी आधार की अनुपस्थिति में सरकारी योजनाओं से वंचित नहीं रह जाए.
