चंडीगढ़ – पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि सिखज़ फॅार जस्टिस (एस.एफ.जे.) द्वारा पंजाब को भारत से ‘आज़ाद ’ कराने के लिए पाकिस्तान की मदद मांगने संबंधी दिए गए बयान से इस जत्थेबंदी के घिनौने इरादों और पाकिस्तानी फ़ौज और आई.एस.आई. के साथ सांठ-गांठ का पर्दाफाश हुआ है। एस.एफ.जे. के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि बिल्ली अब पूरी तरह थैले में से बाहर आ गई है और एस.एफ.जे. और पाकिस्तानी फ़ौज के गहरे संबंधों की हकीकत जग ज़ाहिर हो चूकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बयान ने एस.एफ.जे. के उस झूठ से भी पर्दा उठा दिया है जिसमें खालिस्तान के अलग राज्य पर चुनाव के लिए शांतमयी लहर चलाने का दावा किया गया था। उन्होंने कहा कि यह अब प्रत्यक्ष रूप में सामने आया है कि एस.एफ.जे. की तरफ से पाकिस्तानी फ़ौज और आई.एस.आई. के समर्थन से भारतीय पंजाब में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बयान से पन्नू के पाकिस्तानी फ़ौज और आई.एस.आई. की मदद से पंजाब को भारत से अलग करने के लिए हर प्रयास करने के इरादे भी ज़ाहिर हो गए हैं।मुख्यमंत्री ने एस.एफ.जे. की तरफ से श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के पवित्र मौके पर ‘करतारपुर कन्वैंशन -2019 ’ करवाने की योजना पर भी सख़्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इसने उनके अंदेशों को और पक्का किया है कि पाकिस्तान की तरफ से करतारपुर रास्ता खोलने का फ़ैसला एस.एफ.जे. समेत भारत विरोधी ताकतों की मदद करने बारे आई.एस.आई. की साजिश को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इससे एक बार फिर सिद्ध हो गया है कि पाकिस्तान सरकार कठपुतली शासन की तरह हमेशा ही वहाँ से फ़ौज के इशारे पर काम करती रही है और कर रही है। इस मामले पर अपने स्टैंड को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समूचा मामला पाकिस्तानी फ़ौज की बड़ी साजिश का हिस्सा है जो पंजाब में आतंकवाद को फिर से पैदा करने के लगातार यत्न कर रही है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने फिर दोहराया कि पंजाब और भारतीय फ़ौज पड़ोसी मुल्क की ऐसी किसी भी योजना का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब अब 80 और 90 के दशकों जब पाकिस्तान की शह प्राप्त आतंकवाद ने राज्य की बर्बादी की थी, के समय की अपेक्षा और ज्यादा समर्थ और ताकतवार है। उन्होंने पाकिस्तान को राज्य की शान्ति में रूकावट पैदा करने के लिए यत्नशील एस.एफ.जे. या किसी अन्य अलगाववादी ताकतों को समर्थन देने के विरुद्ध चेतावनी दी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी फ़ौज के लिए साल 1965, 1971 और उसके बाद कारगिल जंग में भारतीय फ़ौज के हाथों हुई करारी हारों को याद रखना अच्छी बात होगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भारत में सिख भाईचारे की काफी देर की माँग की पूर्ति के लिए करतारपुर रास्ता खुलने के पूरी तरह हक में हैं। उन्होंने कहा कि यह इस प्रयास का दुरुपयोग है जिसका वह विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान सच्चे दिल से इस रास्ते के द्वारा भारत के साथ शान्ति के द्वार खोलना चाहते हैं तो उनको न सिफऱ् एस.एफ.जे. के बयान की स्पष्ट निंदा करनी चाहिए बल्कि यह भी यकीनी बनाना चाहिए कि भारत विरोधी अलगाववादी ताकत अपनी मुहिम चलाने के लिए पाकिस्तान की धरती का प्रयोग न करे। उन्होंने पाकिस्तानी नेता को ‘करतारपुर साहिब कन्वैंशन -2019 ’ करवाने से भी रोकने के लिए कहा।मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को गुरू साहिब जी के 550वें प्रकाश पर्व के पवित्र अवसर की भारत विरोधी ताकतों द्वारा प्रयोग करने की इजाज़त दिए बिना दोनों मुल्कों के दरमियान सच्ची भावना के साथ अमन का संबंध कायम किया जाये। उन्होंने एक बार फिर करतारपुर रास्ते को दोनों मुल्कों के दरमियान भिन्नताओं को मिटाने के लिए एक महान अवसर बताते हुए इसकी प्रशंसा की।
