भूजल के प्रबंधन और संरक्षण संबंधी विचार-विमर्श
चंडीगढ़ – पंजाब में भूजल के गिर रहे स्तर को थामने के लिए यत्नशील राज्य के जल संसाधन मंत्री श्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने यहाँ पंजाब भवन में आज सिंचाई और ड्रेनेज संबंधी अंतरराष्ट्रीय आयोग के प्रमुख इंजीनियर फिलिक्स ब्रिटज़ रीएंडरज़ के साथ विचार-विमर्श किया। श्री सरकारिया ने जल प्रबंधन और संरक्षण संबंधी आधुनिक तकनीकी पंजाब के साथ सांझी करने के लिए कहा। भूजल को बचाने के लिए फ़सली विभिन्नता पर ज़ोर देते हुए श्री सरकारिया ने कहा कि पंजाब कृषि प्रधान राज्य है और गेहूं-धान के फ़सली चक्कर के कारण धरती के नीचे से पानी खिंचा जा रहा है, जिस कारण पानी का संकट गंभीर हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रांतीय सरकार की तरफ से गेहूं -धान के फ़सली चक्कर में से बाहर निकलने और फ़सली विभिन्नता अपनाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। राज्य के मेहनती और प्रगतिशील किसानों की सराहना करते हुए श्री सरकारिया ने कहा कि किसानों के भरसक प्रयासों के कारण पंजाब को आज देश का अन्न भंडार कहा जाता है परन्तु दिनों-दिन कम हो रही ज़मीनें और मौजूदा कृषि संकट के कारण किसान निराशा में हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब और आने वाली पीढिय़ों के भविष्य के लिए किसानों द्वारा फ़सली विभिन्नता अपनाना समय की ज़रूरत है।जल संसाधन प्रबंधन और सिंचाई इंजीनियरिंग, अनुसंधान और प्रशिक्षण में बड़ा अनुभव रखते इंजीनियर फिलिक्स ने भूजल को बचाने और संरक्षण के लिए फव्वारा और बूंद सिंचाई प्रणाली अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने पंजाब को जल संरक्षण और प्रबंधन में हर तरह के संभव सहयोग का भरोसा भी दिया। इस मौके पर जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री सर्वजीत सिंह, चीफ़ इंजीनियर नहरें जे.एस. मान, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के सचिव तरूण अग्रवाल और ए.बी. पांडिया के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।