व्यापार

नोटबंदी की वजह से इस साल आयकर रिटर्न में 50 फीसद का इजाफा: सीबीडीटी चेयरमैन

नई दिल्ली। एसेसमेंट ईयर 2018-19 में दायर होने वाले आयकर रिटर्न (आईटीआर) में पिछले साल की तुलना में अब तक 50 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने सीआईआई के एक कार्यक्रम से अलग बताया कि, ‘यह नोटबंदी का असर है।’ नोटबंदी से देश में कर अदायगी में इजाफा हुआ है।उन्होंने कहा कि इस साल हमें अब तक करीब 6.08 करोड़ आईटीआर मिल चुके हैं जो पिछले साल की इस अवधि तक मिले आईटीआर से 50 फीसद ज्यादा हैं। सुशील चंद्रा ने कहा कि राजस्व विभाग चालू वित्त वर्ष के दौरान 11.5 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य प्राप्त कर लेगा।उन्होंने कहा, “हमारे सकल प्रत्यक्ष कर में 16.5 फीसद और शुद्ध प्रत्यक्ष कर में 14.5 फीसद की दर से वृद्धि हुई है। इससे यह साफ होता है कि नोटबंदी से कर बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने बताया कि सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के तहत 70 देश भारत के साथ सूचनाएं साझा कर रहे हैं। सीबीडीटी प्रमुख ने जोर देकर कहा, “आज तक, कुल प्रत्यक्ष कर एमओपी बजट अनुमान के 48 फीसद पर था।”सुशील चंद्रा ने कहा कि नोटबंदी के कारण कॉरपोरेट करदाताओं की संख्या पिछले साल के सात लाख की तुलना में बढ़कर आठ लाख हो गई है। उन्होंने बताया कि सीबीडीटी जल्दी ही चार घंटे के भीतर ई-पैन देने की शुरुआत करेगा।चंद्रा ने कहा कि विभाग ने रिटर्न दायर नहीं करने वाले तथा आय से रिटर्न के नहीं मिलने को लेकर लोगों को दो करोड़ एसएमएस भेजे हैं। सीबीडीटी प्रमुख ने बताया कि अब तक विभाग ने 2.27 करोड़ रुपये का रिफंड दिया है, जो पिछले साल की तुलना में 50 फीसद ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में भारत का कर आधार 80 फीसद बढ़ गया है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.

1 × one =

Most Popular

To Top