वाशिंगटन। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का अंतरिक्ष यान ओसिरिस-रेक्स अपने लक्ष्य ‘बेन्नु’ क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड) के नजदीक पहुंच गया है। गगनचुंबी इमारत के आकार वाले इस एस्टेरॉयड की करीब 150 सालों में पृथ्वी से टक्कर होने की आशंका है। इसके साथ ही उसपर जैविक यौगिक मिलने की भी संभावना है। इन कारणों से ही नासा ने बेन्नु के अध्ययन के लिए 2016 में ओसिरिस-रेक्स को लॉन्च किया था। सात साल लंबे इस मिशन का लक्ष्य बेन्नु की सतह का नमूना इकट्ठा कर पृथ्वी पर लौटना है। वैज्ञानिकों का मानना है कि एस्टेरॉयड और धूमकेतू की टक्कर से ही पृथ्वी पर जैविक यौगिक पहुंचे, जिससे यहां जीवन संभव हो पाया। बेन्नु से लाए गए नमूनों के अध्ययन से इस सिद्धांत की पुष्टि हो सकेगी।
दिसंबर में बेन्नु के गुरुत्वीय क्षेत्र में प्रवेश कर सकता है यान:-सोमवार को ओसिरिस-रेक्स क्षुद्रग्रह बेन्नु से 12 मील की दूरी पर पहुंच गया। इसे इस मिशन का प्राथमिक चरण बताया जा रहा है। दिसंबर के अंत तक यह यान क्षुद्रग्रह के गुरुत्वीय क्षेत्र में पहुंच जाएगा। उसके बाद वह अपने रोबोटिक आर्म की मदद से क्षुद्रग्रह की सतह के नमूने इकट्ठा करेगा।
पानी मिलने की भी है संभावना;-पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी के बराबर से ही सूर्य की परिक्रमा करने वाले इस क्षुद्रग्रह की चौड़ाई एक मील के तीसरे हिस्से के बराबर है। इस क्षुद्रग्रह पर सौर मंडल के विकास के शुरुआती दिनों के दौरान के कार्बनिक यौगिक के प्रचुर मात्रा में मिलने का अनुमान है। उस पर मौजूद खनिजों के भीतर पानी होने की भी संभावना जताई गई है।
पृथ्वी से टकराने वाले संभावित पिंडों में दूसरे स्थान पर है बेन्नु:-खगोलविदों को अंदेशा है कि आने वाले 166 सालों में इस क्षुद्रग्रह की पृथ्वी से भीषण टक्कर होगी, जिससे धरती पर जीवन समाप्त हो सकता है। नासा के अनुसार 72 खगोलीय पिंड धरती से टकरा सकते हैं, उसमें बेन्नु दूसरे स्थान पर है।
सौर ताप के कारण पृथ्वी के नजदीक आ रहा है बेन्नु:-हर छह साल में बेन्नु धरती के सबसे करीब होता है। इस दौरान सूर्य से निकलने वाला ताप इसे पृथ्वी के करीब धकेल देता है। 2135 में इसकी और पृथ्वी की दूरी चांद व पृथ्वी की दूरी से भी कम हो सकती है। 2175 से 2195 के बीच यह पृथ्वी के सबसे नजदीक पहुंच जाएगा। ओसिरिस-रेक्स द्वारा लाए गए नमूनों के अध्ययन से ही पता चलेगा कि बेन्नु की टक्कर से पृथ्वी पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
