लंबे समय से चली आ रही मराठा समुदाय के आरक्षण की माँग को महाराष्ट्र सरकार ने आख़िरकार पूरा कर दिया है। मराठाओं को आरक्षण देने वाला विधेयक गुरुवार को महाराष्ट्र विधानमंडल में पास हो गया।
महाराष्ट्र सरकार ने मराठाओं को नौकरी और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव विधानसभा में रखा था, जिसे दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
सरकार अब जल्द ही कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर इसे अमल में लाने का प्रयास करेगी। राजनीतिक दलों ने राज्य सरकार के इस फ़ैसले का स्वागत किया है। यह विधेयक मराठा समुदाय को लोक सेवाओं के पदों और शैक्षिक संस्थाओं में प्रवेश में आरक्षण देता है, जिन्हें सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग घोषित किया गया है।
इससे पहले फड़णवीस ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग यानि एसबीसीसी की सिफारिशों पर कार्रवाई रिपोर्ट सदन में रखी। इसमें कहा गया था कि मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया जाना चाहिये। मराठा समुदाय की राज्य में 30 प्रतिशत आबादी है। यह समुदाय लंबे समय से अपने लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहा था।