नई दिल्ली। कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के चलते चालू वित्त वर्ष में चालू खाता घाटा जीडीपी के अनुपात में 2.6 फीसद रह सकता है। इसके पहले इसके 2.8 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया था। एक रिपोर्ट के जरिए यह खुलासा हुआ है।इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2018-19 की पहली छमाही में राजकोषीय घाटा पूरे साल के बजट अनुमान के 95.3 फीसद पर पहुंच गया है। छह माह की अवधि में सरकार की कुल प्राप्तियां 7.09 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 39 फीसद तथा कुल खर्च 13.04 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 53.4 फीसद रहीं।एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, “कच्चे तेल की कीमतों में हो रही हालिया गिरावट से चालू खाते के घाटे में हमारे अनुमान 78 अरब डॉलर से करीब 5- 6 अरब डॉलर की कमी आने की उम्मीद है। इससे चालू खाते का घाटा गिरकर जीडीपी के 2.6 फीसद के आसपास रह सकता है।”इस रिपोर्ट में पहले अनुमान लगाया गया था कि कच्चे तेल की कीमतें में तेजी और निर्यात में सुस्ती के कारण चालू वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा जीडीपी के 2.8 फीसद के आस पास रह सकता है। रिपोर्ट में कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान से करीब 20,000 करोड़ रुपये अधिक रहने की उम्मीद है। वहीं इस रिपोर्ट में आगे कहा गया कि सीमा शुल्क के तहत अतिरिक्त 14,000 करोड़ रुपये एकत्र होंगे।