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भारत ने अफ्रीका में शांति रक्षा अभियानों की रणनीति पर संयुक्त राष्ट्र को चेताया

संयुक्त राष्ट्र। अफ्रीकी देश कांगो में विद्रोहियों के हमले में एक भारतीय शांतिरक्षक के घायल होने की घटना पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को शांति रक्षा अभियान से जुड़ी रणनीति को लेकर चेताया है। भारत ने कहा, ‘शांतिरक्षकों को कम संसाधन में ज्यादा परिणाम देने को कहा जा रहा है। इस नीति को नहीं बदला गया तो यह सैनिकों के लिए घातक हो जाएगी।’संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मंगलवार को ‘अफ्रीका में शांति रक्षा अभियानों की मजबूती’ विषय पर हो रही चर्चा के दौरान यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सईद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘अफ्रीका में शांतिरक्षक बेहद कठिन माहौल में काम कर रहे हैं। कांगो में प्रत्येक 158 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की जिम्मेदारी एक सैनिक के कंधे पर है। उन्हें कोई अतिरिक्त सहायता भी नहीं दी जाती। कई अभियानों में तैनात शांतिरक्षकों की संख्या और संसाधन उन्हें सौंपे गए कार्यो की तुलना में बेहद कम हैं।’अकबरुद्दीन ने शांति सेनाओं को मिलने वाली असमान जिम्मेदारियों का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘हम यूएन से अफ्रीका में तैनात शांतिरक्षकों की क्षमता बढ़ाने की अपील करते हैं। भारत उनके हर कदम का सहयोग करेगा।’ फिलहाल भारत के 7,860 सैनिक यूएन के विभिन्न शांति रक्षा अभियानों में तैनात हैं।

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