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भीमा कोरेगांव मामले में एसआईटी गठित करने की मांग नामंजूर

भीमा कोरेगांव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला एसआईटी गठित करने की मांग को नामंजूर करते हुए नजरबंद आरोपियों की नजरबंदी 4 हफ्ते के लिए और बढ़ा दी है भीमा कोरेगांव मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। अदालत ने इन पांच आरोपियों की हिरासत 4 हफ्ते और बढ़ा दी है यानी अगले 4 हफ्ते ये सभी आरोपी अभी नजरबंद रहेंगे। अदालत ने कहा है कि वो राहत के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं। आऱोपियों की ओर से एसआईटी जांच की मांग को भी अदालत ने ठुकरा दिया और पुणे की पुलिस से आगे की जांच जारी रखने को कहा है। दरअसल, माओवादियों से संबंध के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने अदालत में अर्जी दाखिल की थी कि उन्हें बेवजह गिरफ्तार किया गया है लिहाजा इस मामले की एसआईटी जांच करे। जिन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपने घर में नजरबंद किया गया है उनमें गौतम नवलखा, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरिया और वरनोन गोंजालवेस शामिल हैं।

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