हिमाचल प्रदेश

उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को सही फीडबैक के लिए लोगों से नियमित संवाद करना चाहिएः मुख्यमंत्री

सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन में राज्य सरकार के अधिकारियों विशेषकर उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों जैसे फील्ड अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। विकास का लाभ लक्षित समूहों तक समयबद्ध सुनिश्चित बनाने में भी इन अधिकारियों की विशेष जिम्मेवारी है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर आज यहां राज्य के उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों के सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने केवल 8 माह का कार्यकाल पूरा किया है। इन आठ महीनों में प्रदेश सरकार कुछ नई मुख्य विकास योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में सफल रही है, जिसका श्रेय राज्य सरकार के अधिकारियों की मेहनत को जाता है, क्योंकि इन विकासात्मक एवं कल्याणकारी परियोजनाओं का सफल कार्यान्वयन उनके प्रयासों के कारण ही सफल हो पाया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने अपने पहले बजट में तीस नई योजनाओं की घोषणा की है, जो समाज के लगभग सभी वर्गों का विकास को सुनिश्चित बनाती है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है प्रदेश सरकार द्वारा घोषित इन सभी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने कहा कि अनेक परियोजनाएं वर्तमान प्रदेश सरकार की सोच है और इन्हें केन्द्र सरकार को वित्तपोषण के लिए भेजा गया है। इन योजनाओं में से अधिकतर को केन्द्र सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है, जिससे प्रदेश सरकार की विकास की पहल को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शान्त वातावरण के कारण ‘देवभूमि’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस राज्य में कानून एवं व्यवस्था की बेहतर स्थिति बनाए रखने में सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों की भूमिका महज कानून व व्यवस्था बनाए रखना ही नहीं है, बल्कि अपने क्षेत्राधिकार में राज्य सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित बनाने के लिए गुड़िया हैल्पलाइन व शक्ति एप्प आरम्भ किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य में नशे के बढ़ते प्रचलन पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि इस सामाजिक बुराई के विरूद्ध सख्ती से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पहल से चार पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चण्डीगढ़ में इस सामाजिक बुराई से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने पर एक बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस सामाजिक बुराई से निपटने के लिए एक विशेष अभियान चलाने की योजना बना रही है और इसमें उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों की अह्म भूमिका रहेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि सभी उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को आम जनमानस के साथ नियमित रूप से बैठकें करनी चाहिए ताकि सही फीड बैक प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि लोगों से सीधा संवाद प्रदेश के लोगों की ज़रूरतों व अपेक्षाओं के अनुरूप नीतियां व योजनाएं तैयार करने में भी सहायक सिद्ध होता है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अति विशिष्ट व्यक्तियों के दौरों के दौरान पॉयलट वाहन के रूप में उपयोग करने के लिए प्रत्येक जिले को वाहन उपलब्ध करवाया जाएगा।उन्होंने कहा कि राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर राष्ट्र स्तर पर अनेक पुरस्कार प्राप्त किए हैं, जिसके लिए उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वर्ष 1953 से डिजिटल गजिटियर (राजपत्र) का भी शुभारम्भ किया। अब यह गज़ट प्रदेश राजपत्र पोर्टल http://rajpatrahimachal.nic.in पर ऑनलाइन उपलब्ध होगा। इसके शुभारम्भ होने से हिमाचल ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसके सभी राज्य गजट्स ऑनलाइन उपलब्ध हैं। प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य भी है, जो दैनिक आधार पर ऑनलाइन गजट्स प्रकाशित कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सिरमौर के उपायुक्त द्वारा विकसित एप्प ‘माई डीसी’ का भी शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राजस्व विभाग के तीन ऐप का भी शुभारम्भ किया। इनमें एकीकृत भू-नक्शा जमाबन्दी, जागरूकता जिंगल्ज व सर्कल रेट एण्ड्रॉयड एप्प शामिल हैं। इन ऐप से लोगों को उनकी ज़मीन का नक्शा पांच दिनों के भीतर प्राप्त होने की सुविधा होगी। इसके अतिरिक्त, भूमि की वृत दर भी एन्डरॉयड फोन पर एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। इन ऐप को राजस्व विभाग ने राज्य एनआईसी के सहयोग से विकसित किया है।
इस अवसर पर नशाखोरी की समस्या से निपटने भी विस्तारपूर्व चर्चा की गई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अफीम व भांग को उखाड़ने व नष्ट करने के लिए एक प्रभावी अभियान चलाया जाएगा।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने मुख्यमंत्री तथा इस अवसर उप उपस्थित अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक सरकार की आंख व कान हैं। ऐसे में उनकी प्रतिबद्धता व जिम्मेवारी और भी बढ़ जाती है। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि अधिकारी राज्य सरकार की विभिन्न नीतियों व कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाने के लिए और समपर्ण की भावना से कार्य करेंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व मनीषा नंदा ने वन भूमि पर अतिक्रमण व इसे हटाने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर प्रस्तुति दी।
पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी ने राज्य में कानून व व्यवस्था पर विस्तृत प्रस्तुति दी। यातायात प्रबन्धन और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने पर भी प्रस्तुति दी गई।
बैठक में बजट में की गई तीस नई योजनाओं की घोषणा की प्रगति पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। यह भी अवगत करवाया गया कि अभी तक राज्य में चार जनमंच आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें जन समस्याओं का समाधान मौके पर ही करने के प्रयास किए गए है।
यह भी जानकारी दी गई कि भारी वर्षा के कारण 1180.40 करोड़ रुपये की सार्वजनिक तथा निजी सम्पत्तियों का नुकसान हुआ है और अभी तक प्रभावितों को 230 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है।
शहरी क्षेत्रों और विशेषकर पर्यटन स्थलों में अनाधिकृत निर्माण से निपटने पर विस्तृत चर्चा की गइ। यह निर्णय लिया गया कि वन भूमि पर अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण की निगरानी के लिए हर महीने बैठक की जाएगी। कांगड़ा, शिमला, सोलन तथा कुल्लू के उपायुक्तों ने अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण को नियंत्रित करने पर बहुमूल्य सुझाव दिए।
बैठक में यह जानकारी दी गई कि होशियार सिंह हेल्प लाइन के तहत 855 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 840 शिकायतों का समाधान किया गया है। गुडिया हेल्पलाइन के अन्तर्गत प्राप्त 892 शिकायतों में से 867 का निपटारा किया गया है। इस अवधि के दौरान 172 वाहनों को जब्त किया गया है, जबकि पिछले वर्ष कुल 20 वाहन जब्त किए गए थे। इसी प्रकार, वन अधिनियम के अन्तर्गत पिछले वर्ष पंजीकृत किए गए 125 मामलों की तुलना में 200 मामले पंजीकृत किए गए हैं।

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