शिमला, हिमाचल के निजी बस ऑपरेटर्स मांगों के समर्थन में सोमवार से हड़ताल पर रहेंगे। रविवार रात 12 बजे से ही निजी बसों की सेवाएं बंद हो गईं। लिहाजा सोमवार को कहीं जाने का कार्यक्रम हो तो निजी बसों का इंतजार न करें। प्रदेश में करीब 3200 बसों के पहिये जाम रहेंगे, इससे करीब चार हजार रूट सौ फीस प्रभावित हैं। निजी बस ऑपरेटरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से हिमाचल की परिवहन व्यवस्था आज से चरमरा जाएगी। हालांकि इससे निपटने के लिए एचआरटीसी ने अतिरिक्त बसें चलाने के दावा तो किया है। हजारों रूटों पर निजी बसें न चलने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की परिवहन व्यवस्था ज्यादा बिगड़ेगी, क्योंकि इन बसों के साठ फीसद रूट इन्हीं इलाकों से होकर गुजरते हैं। 40 फीसद बसें नेशनल, स्टेट हाइवे के रूट से गुजरती हैं। ऐसे में शहरी क्षेत्रों, कस्बों में भी हड़ताल का प्रभाव दिखना तय है। इससे प्रतिदिन निजी बस ऑपरेटरों को एक करोड़ 28 लाख का नुकसान होगा। इसके अलावा पेट्रोल पंपों की लाखों की कमाई घटेगी। हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर और महासचिव रमेश कमल ने कहा कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानती है तो वे राज्य सचिवालय के बाहर आमरण अनशन कर देंगे। इस दौरान आत्मदाह जैसा कठोर कदम किसी ने उठाया तो इसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि हड़ताल गैर राजनीतिक और शांतिपूर्ण होगी।
