नई दिल्ली: देश दुनिया में कड़वे प्रवचन के लिए प्रसिद्ध जैन मुनि श्री तरुण सागर 51 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के शाहदरा के कृष्णानगर में शनिवार सुबह 3:18 बजे अंतिम सांस ली। दरअसल 20 दिन पहले उन्हें पीलिया हुआ था, जिसके कारण वह बहुत कमजोर हो गए थे। उनके प्रवास स्थल पर उनके दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु जुटने लगे हैं। उन्हें दिल्ली के ही एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था. बताया जा रहा है उनपर दवाओं का असर होना बंद हो गया था। जैन मुनि तरुण सागर का जन्म मध्यप्रदेश के दमोह जिले के ग्राम गुहजी में हुआ था। उनका असली नाम पवन कुमार जैन है। उनके माता-पिता का नाम शांतिबाई जैन और प्रताप चन्द्र जैन था। बताया जाता किे मुनिश्री ने 8 मार्च 1981 में घर छोड़ दिया था। इसके बाद उनकी शिक्षा-दीक्षा छत्तीसगढ़ में हुई है। अपने कड़वे प्रवचन के कारण ही उन्हें क्रांतिकारी संत कहा जाता है। मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें 6 फरवरी 2002 को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया गया।
