पंजाब

कैनेडा से दो विधायकों को वापस भेजने का मामला

सुषमा स्वराज ने राणा के.पी. सिंह को पत्र लिखा

चंडीगढ़,

पंजाब के दो विधायकों को ओटावा एयरपोर्ट से वापस भारत भेजने का मसला भारतीय हाई कमीशन ओटावा की तरफ से कैनेडियन सरकार के समक्ष उठाया गया है। इस संबंधी जानकारी भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक पत्र लिख कर पंजाब विधान सभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह को दी है।  इससे पहले 25 जुलाई, 2018 को एक चि_ी लिख कर स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने केंद्रीय विदेश मंत्री से माँग की थी कि इस मामले का गंभीर नोटिस लिया जाना चाहिए क्योंकि लोगों के चुने हुए प्रतिनिधियों के प्रति कैनेडियन अथोरिटी का व्यवहार सही नहीं था। उन्होंने लिखा था कि कैनेडियन अथोरिटी का फज़ऱ् बनता था कि वह पंजाब के आम आदमी पार्टी के विधायकों अमरजीत सिंह सन्दोआ और कुलतार सिंह संधवां की सहायता करते और विनम्रता भरा व्यवहार अपनाते।  पंजाब विधानसभा के स्पीकर द्वारा लिखे पत्र के जवाब में विदेश मंत्री ने लिखा है कि वह इस बात से सहमत हैं कि चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ विनम्रता और सम्मानीय व्यवहार अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कैनेडा सरकार ने जानकारी दी है कि इस मामले संबंधी कैनेडा बार्डर सर्विस एजेंसी के साथ संबंध बनाया हुआ है और विधायकों को वापस भेजने के कारणों संबंधी विस्तृत प्रतिक्रिया माँगी गयी है।  विदेश मंत्री ने बताया है कि भारत सरकार इस मामले को कैनेडा सरकार के समक्ष पूरी गंभीरता से उठा रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य में ऐसी कोई मंदभागी घटना न घटे।  पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने सभी विधायकों को सलाह दी है कि किसी भी विदेश यात्रा पर जाने से पहले विदेश मंत्रालय समेत हर तरह की मंजूरियों और राजनैतिक क्लीयरेंस ली जाये जिससे कोई दिक्कत न आए। उन्होंने कहा कि दौरा चाहे निजी हो तो भी यह सुनिश्चित किया जाये कि इसकी जानकारी भारतीय हाई कमीशन को दी जाये। विदेश मंत्री ने बताया है कि कैनेडा में भारतीय हाई कमीशन के पास पंजाब के विधायकों के कैनेडा दौरे संबंधी कोई जानकारी नहीं थी।

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