पीएम मोदी ने बिम्सटेक सम्मेलन में क्षेत्रीय संपर्क सुविधाओं के विस्तार तथा आतंकवाद के मसले पर सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने की जतायी प्रतिबद्धता , व्यापार, डिजिटल, सड़क, हवाई और लोगों के आपसी संपर्क को बताया सामूहिक विकास का एक अहम पहलू , सदसय देशों के बीच सहयोग बढाने के लिए भारत की ओर से कई प्रस्ताव. एक्ट ईस्ट और नेबरहुड फर्स्ट इस पॉलिसी को अगले मुकाम पर पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री ने काठमांडू में चौथे बिम्सटेक सम्मेलन में संपर्क बढ़ाने पर विशेष ज़ोर दिया। सदस्य देशों के बीच व्यापार, डिजिटल, सड़क, हवाई और लोगों के आपसी संपर्क को सामूहिक विकास का एक अहम पहलू बताया। बंगाल की खाड़ी के लिये बहु क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग की ‘स्पष्टता’ बढ़ाने के अलावा हिंद-प्रशांत क्षेत्र की समृद्धि पर भी उनका ख़ासा ज़ोर रहा।
तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के लिए अवसरों के साथ चुनौतियां भी कम नहीं हैं। सदस्य देशों में प्राकृतिक संपदाएं भरपूर हैं तो वहीं जलवायु परिवर्तन भी एक चुनौती है। कृषि और खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ऊर्जा उत्पादन सहित कई अन्य क्षेत्रों में भी आपसी सहयोग में तेज़ी लाने की प्रतिबद्धता दोहराई गई। साथ ही मनी लॉड्रिंग,मानव तस्करी और आतंकवाद का ख़तरा भी सदस्य देशों के लिए नुकसान दायक हैं। प्रधानमंत्री ने समूह के देशों के बीच क़ानूनी सहयोग और समन्वय बढ़ाने पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने संबोधन के दौरान नयी पहल की बात की। उन्होने कृषि अनुसंधान, शिक्षा और विकास पर सहयोग के लिए भारत क्लाइमेट स्मार्ट फार्मिंग सिस्टम पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कराने की पहल करने, युवा उद्यमियों पर फोकस करते हुए बिम्सटेक स्टार्ट अप कॉन्क्लेव की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री ने भारत की मेज़बानी में होने वाले इंडिया मोबाइल कांग्रेस के लिए सभी सदस्यों को आमंत्रित किया। इसके साथ ही उन्होंने बिम्सटेक यूथ समिट और यूथ वॉटर स्पोर्ट के आयोजन और बिम्सटेक देशों के छात्रों के लिए नालंदा विश्वविद्यालय में 30 छात्रवृत्तियां और जिपमर संस्थान में एडवांस मेडिसिन के लिए 12 शोध फेलोशिप का भी ऐलान किया। नालंदा विश्वविद्यालय में बे ऑफ बंगाल स्टडीज़ शोध केंद्र की स्थापना का भी एलान किया। साथ ही पर्यावरण, आपदा प्रबंधन, अक्षय ऊर्जा, कृषि, व्यापार पर शॉर्ट टर्म प्रशिक्षण पाठ्यक्रम कराए जाने की बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पूर्वोत्तर अंतरिक्ष एप्लीकेशन केंद्र में बिम्सटेक सदस्य देशों के शोधकर्ताओं के लिए 24 छात्रवृत्ति भी देने को तैयार है। बिम्सटेक दक्षिण एशिया तथा दक्षिण पूर्वी एशिया के 7 देशों का समूह है, जो बंगाल के खाड़ी के आसपास स्थित हैं। इन देशों में दुनिया की 22 फीसदी आबादी रहती है। 2016 गोवा में ब्रिक्स-बिम्सटेक आउटरीच शिखर सम्मेलन में आतंकी ख़तरे के ख़िलाफ़ सदस्य देशों के बीच सहयोग-समन्वय बढ़ाने का संकल्प लिया गया था।
