पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में सोमवार को इंदिरा गांधी स्टेडियम में सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में मोदी सरकार के सभी मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, सहयोगी दलों के नेता के अलावा विपक्षी दलों के नेताओं ने शिरकत की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि पोखरण में परमाणु परीक्षण कर अटल जी ने पूरे विश्व को ये संदेश दिया था कि भारत अटल है, वो वैश्विक दबाव के आगे झुकेगा नहीं, वो सिर्फ नाम से ही नहीं व्यवहार से भी अटल थे। पीएम ने कहा कि वाजपेयी जी इतने लंबे समय तक विपक्ष में रहे और फिर भी उन्होंने विचारों की धार को नहीं खोया, ये बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम जब तक जिए, देश के लिए जिए। कश्मीर पर अटल जी ने अलग ही नजरिया पेश किया। प्रार्थन सभा में मोदी ने कहा कि विदेश नीति से लेकर देश को मजबूत बनाने के लिए अटल ने वह सबकुछ किया जो जरूरी था। परमाणु परीक्षण से लेकर कश्मीर तक अटल जी ने ऐसी नीति बनाई जहां से भारत की दुनिया में मजबूत पहचान बनी। कश्मीर पर उनकी दूर दृष्टि के कारण ही पूरी दुनिया का नजरिया बदला और पूरी दुनिया में आतंकवाद की चर्चा होने लगी। उन्होंने कहा कि अटल जी को देश के जन सामान्य पर भरोसा था। वह अटके नहीं, रुके नहीं। देश की राजनीति में बदलाव आया जो साथ चलने को तैयार नहीं थे वे साथ आए। प्रार्थना सभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम बनने के बाद अटल जी सबको साथ लेकर चले। उनको जानने वाल हर व्यक्ति उनसे प्रभावित है। गृहमंत्री ने कहा कि अटल जी के निधन से सभी को पीड़ा हुई है, उनका व्यक्तित्व बहुत महान था। पंडित नेहरू ने 35 साल के अटल जी में भावी प्रधानमंत्री देख लिया था। राजनाथ ने कहा कि मैं यह मानता हूं कि अटल जी को लोकप्रियता देश का प्रधानमंत्री बनने के कारण हासिल नहीं हुई। वह किसी भी राजनीतिक या सामाजिक क्षेत्र में यदि काम करते तो वह वैसे ही लोकप्रिय होते जैसे प्रधानमंत्री बनने के बाद लोकप्रिय हैं।
