पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान अजीत वाडेकर का लंबी बीमारी के बाद कल रात मुंबई में निधन हो गया। वो 77 साल के थे। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अजीत वाडेकर के निधन पर दुख जताया है। 77 साल के भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर का बुधवार रात मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल में निधन हो गया। विदेश की सरजमीं पर सीरीज जीतने वाले वाडेकर भारत के पहले कप्तान थे। वाडेकर पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे. 1 अप्रैल 1941 को मुंबई में जन्मे वाडेकर ने मुंबई के जसलोक अस्पताल में अंतिम सांस ली। आठ साल के करियर में उन्होंने 37 टेस्ट खेले। उन्होंने टेस्ट में एक शतक और 14 अर्धशतक की मदद से कुल 2113 रन बनाए। सरकार ने उन्हें 1967 में अर्जुन अवॉर्ड और 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया। आठ साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में बायें हाथ के बल्लेबाज वाडेकर ने कुल 37 टेस्ट मैच खेले। 1971 से 1974 के दौरान उन्होंने 16 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की, जिसमें से चार मैच जीते, चार हारे, जबकि आठ मैच ड्रॉ रहे। वह दो वनडे मैच भी खेले और दोनों में उन्होंने भारतीय टीम की कमान संभाली। वनडे क्रिकेट में वह भारतीय टीम के पहले कप्तान थे। वनडे कप्तान के रूप में उन्हें दोनों मैचों में हार का सामना करना पड़ा। वाडेकर कुशल क्षेत्ररक्षक भी थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, ‘अजीत वाडेकर को भारतीय क्रिकेट में किए अभूतपूर्व योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वह एक शानदार बल्लेबाज और महान कप्तान थे। उनकी कप्तानी में हमारी टीम ने अपने क्रिकेट इतिहास की कई यादगार जीत दर्ज की थीं। उन्हें एक बेहतरीन क्रिकेट प्रशासक के रूप में भी याद किया जाएगा। उनके निधन से मुझे गहरा दु:ख हुआ।’ 1 अप्रैल 1941 को जन्मे वाडेकर ने 1966 में भारत के लिए पहला टेस्ट खेला था। आठ साल के करियर में उन्होंने 37 टेस्ट खेले। उन्होंने टेस्ट में एक शतक और 14 अर्धशतक की मदद से कुल 2113 रन बनाए। सरकार ने उन्हें 1967 में अर्जुन अवॉर्ड और 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया।