नई दिल्लीः अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट द्वारा भारतीय ई-बाजार प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी मिलने को खुदरा व्यापारियों के संगठन अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने एकपक्षीय बताते हुए इसके खिलाफ अदालत जाने और देशव्यापी आंदोलन की धमकी दी है। कैट ने आरोप लगाया कि आयोग ने उसके तथा अन्य संगठनों द्वारा उठाई गई आपत्तियों को दरकिनार तो किया ही है, सुनवाई का कोई मौका भी नहीं दिया। यह न्याय के नैसर्गिक सिद्धांत की अवहेलना है। इस निर्णय के खिलाफ कैट ने न्यायालय जाने का निर्णय लिया है और इस मुद्दे पर एक देशव्यापी आंदोलन भी छेड़ा जाएगा। आगे की विस्तृत रणनीति तैयार करने के लिए कैट ने अपनी राष्ट्रीय संचालन परिषद् की आपात बैठक आगामी 19 अगस्त को नागपुर में बुलाई है।संगठन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि आयोग यह मानता है कि ई-कॉमर्स बाजार में लागत से भी कम मूल्य पर सामान बेचा जा रहा है और डिस्काउंट दिए जा रहे हैं। निश्चित रूप से इसका प्रभाव कीमतों पर पड़ता है और प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती है लेकिन आयोग का यह भी कहना है कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता जो बेहद हास्यास्पद है। इससे यह स्पष्ट है कि आयोग ने इस महत्वपूर्ण विषय की अनदेखी करते हुए वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील को मंजूरी दी है। उसने आरोप लगाया है कि वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील एक तरह से देश में ईस्ट इंडिया कंपनी की वापसी है और सीधे तौर पर देश को आर्थिक रूप से गुलाम बनाने की शुरुआत है।
