‘इंग्लैंड में 12 अगस्त को होने वाली प्रस्तावित रैली की कोई चिंता नहीं’
चंडीगढ़,
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा है कि पंजाब में जनमत-संग्रह 2020 की बेतुकी बात करने वाला कोई भी नहीं है । उन्होंने 12 अगस्त को लंदन के ट्रैफलगर स्क्वेयर में होने वाली प्रस्तावित रैली को नकारते हुए कहा है कि यह विदेशों में बसे आई.एस.आई. का समर्थन प्राप्त मु_ीभर बौखलाए हुए सिखों की पंजाब और भारत में विभाजनकारी नारों के साथ गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश है । आज यहाँ कुछ पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको इन हाशिए पर पड़े हुए तत्वों और इनकी लंदन में 12 अगस्त की प्रस्तावित रैली से कोई भी चिंता नहीं है । मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोग आई.एस.आई. के हाथों में खेल रहे हैं जिसका खुला एजेंडा पंजाब और भारत में हिंसा को भडक़ाना है । उन्होंने कहा कि वह राज्य में शांति को भंग करने की किसी को भी इजाज़त हीं देंगे। इस सम्बन्ध में कड़ा रूख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ये तत्व यह सोचते हैं कि वह मेरे देश और मेरे राज्य की शांति भंग कर सकते हैं तो वह बहुत गलतफहमी में हैं । मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्होंने राज्य में आतंकवाद को फिर से पैदा करने की किसी भी कोशिश को सख़्ती से मसलने के लिए पंजाब पुलिस को कहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पिछले 15 महीनों के शासन के दौरान पुलिस ने बहुत से आतंकवादी गिरोहों पर निशाना साधा है और उनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार और गोली बारूद के इलावा नशीली वस्तुएँ भी पकड़ी हैं । 2020 जनमत-संग्रह रैली को रोकने से इंग्लैंड की सरकार द्वारा न करने बारे एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी उनको कोई भी परवाह नहीं है । जनमत-संग्रह का समूचा व्यापार सिख फार जस्टिस और इसको बढ़ावा देने वालों का पैसा इक_ा करने का एक स्कैंडल है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस मुहिम बारे बात करने वाला कोई भी नहीं है क्योंकि पंजाब के लोग शांति और विकास चाहते हैं । मुख्यमंत्री ने एस.एफ.ज. को पाखंडियों का एक संगठन बताया है जिसका मानवीय अधिकारों के कामों के साथ रत्ती भर भी लेना -देना नहीं है । उन्होंने कहा कि सिफऱ् इंग्लैंड, कैनेडा, अमरीका और जर्मनी जैसे देशों के मु_ीभर बौखलाए हुए सिख इस मुहिम का समर्थन कर रहे हैं जो ज़्यादा समय नहीं चल सकता। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन खालिस्तानी तत्वों के साथ निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यदि वह हथियारों के साथ आते हैं तो मेरी सलाह उनको यही होगी कि वह इनका समर्पण कर दें नहीं तो उनको ख़त्म कर दिया जायेगा ।
