भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैच की सीरीज़ का दूसरा टेस्ट मुक़ाबला गुरूवार से लॉर्ड्स के मैदान पर शुरू होगा, भारतीय टीम सीरीज़ में 0-1 से पीछे है, इस मुक़ाबले के लिए दोनो ही टीमें कुछ बदलाव के साथ मैदान पर उतर सकती है, भारतीय टीम की बात करें तो टीम लॉर्ड्स टेस्ट में दो स्पिनर्स को प्लेईंग इलेवन में शामिल कर सकती है। एजबैस्टन में हाथ से जीत फिसलने के बाद विराट एंड कंपनी अब लॉर्डस् में चार साल पहले मिली कामयाबी को दोहरा सीरीज़ में 1-1 की बराबरी के लिए बेताब है। साल 2014 में इसी मैदान पर भारत ने इंग्लैंड के ऊपर 95 रन की बड़ी जीत दर्ज की थी। चार साल पहले के उस मुक़ाबले में अजिंक्य रहाणे और ईशांत शर्मा जीत के हीरो के रूप में सामने आए थे,एक शतकवीर बना था तो दूसरा विकेटवीर चार साल पहले खेले गए उस मुक़ाबले में ईशांत शर्मा ने 7 विकेट झटके थे। हालांकि इस बार स्थिति थोड़ी अलग है लंदन का तापमान बढ़ा हुआ है ऐसे में दो स्पिनर्स का जोड़ तोड़ चरम पर है। यानि इस बार भारतीय खेमें में आर.अश्विन के साथ कुलदीप यादव नज़र आए तो हैरानी नहीं। बल्लेबाज़ी में टीम इंडिया की तिकड़ी शिखर धवन, मुरली विजय और के.एल.राहुल का न चलना पहले टेस्ट में टीम इंडिया की हार के बड़े कारण के रूप में सामने था,ऐसे में इस बार इनमें से किसी एक को बाहर बैठा चेतेश्वर पुजारा के लिए प्लेइंग इलेवन का दरवाज़ा खुल सकता है इंग्लैंड की बात करें तो इस टीम के लिए बड़ा झटका बेन स्टोकस का चोट के चलते न खेलना होगा,पिछले मुक़ाबले में स्टोकस ने भारतीय बल्लेबाज़ी की कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, वहीं टीम के दूसरे प्रमुख गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन का भी चोट के चलते खेलना तय नहीं है। ऐसे में भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए ये राहत की ख़बर है। लेकिन अगर एंडरसन इस मुक़ाबले में उतरते है तो जा़हिर तौर पर भारत के लिए उनसे निपटना कड़ी चुनौती होगी। एंडरसन ने लॉर्डस में 22 मैच खेले है जिसमें उन्होने 94 विकेट निकाले है। बल्लेबाज़ी में टीम के पास कप्तान जो रूट,एलेस्टेयर कुक और कीटोन जेनिंन्गस है, हालांकि इसमें एलेस्टेयर कुक और कीटोन जेनिंग्स दोनो के लिए ही फिरकी एक बड़ी उलझन बनी हुई है। वहीं ऑलराउंडर सैम कुरन इंग्लिश टीम के लिए एक बार फिर बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार रहेंगे। कुल मिलाकर एक बार फिर एक बड़ा मुक़ाबला देखने को मिल सकता है जहां भारतीय टीम के पास चार साल पहले मिली जीत की टॉनिक का मनोवैज्ञानिक लाभ होगा वहीं इंग्लैंड के पास पहले टेस्ट में मिली सफलता का हथियार होगा जिसके बल पर टीम 2-0 की बढ़त लेना चाहेगी।
