नई दिल्ली अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार से ग्लोबल अर्थव्यवस्था प्रभावित होने पर एशियाई देशों ने गंभीर चिंता जताई है। इन देशों के मंत्रियों ने चीन से समर्थित मुक्त व्यापार समझौते के लिए वार्ता प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत बताई है। अमेरिका को इस व्यापार समझौते बाहर रखा जाएगा।सिंगापुर में शनिवार को क्षेत्रीय सम्मेलन में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमें दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी विवाद भी शामिल था। यह विवाद अगर पूरी तरह ट्रेड वार में तब्दील हो गया तो चीन के पड़ोसी एशियाई देशों पर इसका बुरा असर पड़ेगा। जैसे को तैसे की तर्ज पर आयात शुल्क लगाए जाने से पिछले महीनों में कारोबारी तनाव लगातार बढ़ रहा है। एक दिन पहले ही बीजिंग ने 60 अरब डॉलर की अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाने की धमकी दी। चीन ने यह धमकी अमेरिका की धमकी के बाद दी। अमेरिका ने 200 अरब डॉलर की अतिरिक्त चीन की वस्तुओं के आयात शुल्क बढ़ाने की बात कही थी।चीन की धमकी को कमजोर कदम बताते हुए अमेरिका ने उपहास उड़ाया। मलेशिया के विदेश मंत्री सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने सम्मेलन के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि एशियाई देशों के लिए ट्रेड वार से वास्तविक खतरा पैदा हो गया है। इसको लेकर कई देश बहुत चिंतित हैं और यह मुद्दा दिनोंदिन ज्यादा जटिल होता जा रहा है।
