इलाहाबाद: सत्ताधारी पक्ष भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह 2019 चुनावों की तैयारी के तहत पूरे देश का दौरा कर रहे हैं। कुंभ से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की प्रयाग यात्रा कई मायने में खास है। 27 जुलाई को हो रही उनकी यात्रा पूरी तरह धार्मिक है। वह पूरा समय संतों के सानिध्य में रहेंगे। पूजन-अर्चन करने के साथ भोजन भी करेंगे।
पूजा के कार्यक्रम के बाद शाह साधु-संतों के साथ करेंगे बैठक
अमित शाह का सुबह करीब नौ बजे इलाहाबाद पहुंचने का कार्यक्रम है, जहां पर वो जूना अखाड़ा मौजगिरी आश्रम में योग सिद्धि ध्यान केंद्र का शिलान्यास करेंगे। जिसके बाद 11.05 मिनट पर वो सीधे संगम के पास लेटे हनुमान मंदिर जाएंगे। यहां शाह कुंभ मेले के निर्विघ्न रुप से संपन्न होने के लिए पूजा अर्चना करेंगे। बजरंग बली की उपासना करने के बाद बीजेपी अध्यक्ष मां गंगा की पूजा कर कुंभ मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए प्रार्थना करेंगे। पूजा के कार्यक्रम के बाद शाह साधु-संतों के साथ बैठक भी करेंगे। इस दौरान कुंभ की चर्चा के दौरान वह साधु-संतों के साथ भोजन भी कर सकते हैं।
यात्रा संतों के जरिए पार्टी के हिंदुत्व के एजेंडे को करेगी पुख्ता
मठ बाघंबरी गद्दी में होने वाली बैठक में अमित शाह के समक्ष गोहत्या पर पाबंदी, गंगा व यमुना की निर्मलता, राम मंदिर निर्माण जैसे मुद्दे संत उठाएंगे। उसके बाद सामूहिक राय पर भविष्य का रोडमैप तैयार किया जाएगा। जनवरी 2019 के कुंभ में देश-विदेश के करोड़ों हिंदू धर्मावलंबी आएंगे। उसके बाद आम चुनाव का बिगुल बज जाएगा। ऐसे में शाह की यह यात्रा संतों के जरिए पार्टी के हिंदुत्व के एजेंडे को पुख्ता करेगी। वहीं श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण, गंगा के साथ यमुना की निर्मलता को लेकर हो रहे कार्य, गोहत्या पर देशभर में पाबंदी जैसे मुद्दों पर सरकार के रुख को संतों के जरिए लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि संत हिंदुत्व का एजेंडा पूरा कराना चाहते हैं, जिस पर अमित शाह से चर्चा की जाएगी।