160 बेटियों ने शिक्षा रूपी मंदिर में दर्ज करवाई अपनी हाजिरी
शिक्षा सर्वांगीण विकास का आधार है। प्रदेश सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर इसका बखूबी निर्वहन कर रही है। कठिन परिस्थियों के बावजूद इस पहाड़ी प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में कई आयाम स्थापित किए हैं, परंतु सरकार के प्रयासों के बाबजूद भी ग्रामीण एवम पिछड़े क्षेत्रों में लोग अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक तंगी या कोई अन्य बहाना बना कर घर से दूर भेजना आज भी मुनासिब नहीं समझते हैं। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि बेहतर मार्गदर्शन के अभाव अथवा आर्थिक तंगी के कारण किसी भी विद्यार्थी की पढ़ाई प्रभावित न हो। प्रदेश सरकार ने लोगों के इसी दर्द को महसूस करते हुए सत्ता सम्भालने के पश्चात ही ज्वाली विधानसभा क्षेत्र की जनता की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करते हुए न केवल राजकीय डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा कर दी बल्कि इस शैक्षणिक सत्र से प्रथम सत्र की कक्षाओं का भी विधिवत संचालन शुरू कर दिया है। इस कॉलेज में अभी तक आर्ट्स व कॉमर्स विषयों की कक्षाएं शुरू की गई हैं। प्रथम सत्र में ही इस कॉलेज में 200 बच्चों ने दाखिला लिया जिसमे से 160 बेटियों ने दाखिला लेकर शिक्षा रूपी मंदिर में अपनी हाजिरी दर्ज करवा ली है जो किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।
प्रदेश सरकार ने कॉलेज का नायाब तोहफा प्रदान कर जहाँ अविभावकों के लिए चिंता की लकीरों को कम कर दिया है वहीं बच्चों के लिए घर के नजदीक उच्च शिक्षा ग्रहण करने का बेहतर मौका प्रदान करने की पहल की है। इस कॉलेज के खुलने से इस विधानसभा क्षेत्र की लगभग 20 पंचायतों के बच्चों को जहाँ पढ़ाई करने में लाभ मिलेगा वहीं बस किराये पर खर्च होने वाली भरकम रकम से भी निजात मिलेगी। इससे पहले इन पंचायतों के बच्चों को पढ़ाई करने के लिए दूर नगरोटा सूरियां तथा देहरी जाना पड़ता था, परंतु बस सुविधा कम होने व आर्थिक तंगी के कारण उन्हें काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। जिस कारण कई गरीब अविभावक अपने बच्चों विशेषकर बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिये घर से दूर भेजने में असमर्थ रह जाते थे।
वर्तमान में कॉलेज की कक्षाएं शिक्षा विभाग द्वारा निर्मित करवाये गए नए भवन में संचालित की जा रही है जिस में स्टाफ तथा बच्चों के बैठने के लिये पर्याप्त जगह व सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस कॉलेज में प्रथम वर्ष की कक्षाओं के लिए पर्याप्त, नियमित तथा अनुभवी स्टाफ की नियुक्ति की गई है।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ नरेंद्र नाथ शर्मा को शिक्षा क्षेत्र में 27 वर्ष का विशेष अनुभव प्राप्त है। इससे पूर्व वह तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर में चार वर्षों तक डीन अकादमी पद पर रह चुके हैं तथा उन्होंने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कई आयाम स्थापित किये हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने देश-विदेश में भी अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर शिक्षा जगत में ख्याति प्राप्त की है।
शीघ्र ही इस कॉलेज में एक आधुनिक कंप्यूटर लैब स्थापित की जायेगी जिससे बच्चों को जहां सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में कुछ बेहतर करने के अवसर प्राप्त हो सकेगे वहीं अनुभवी शिक्षकों के मार्गदर्शन में इस संस्थान को आगे ले जाकर नए आयाम स्थापित होंगे।
क्या कहते हैं कॉलेज के प्राचार्य
कॉलेज में नवनियुक्त प्राचार्य डॉ नरेंद्र नाथ शर्मा ने बताया कि बच्चों-अभिवावकों तथा सभी के सहयोग व मार्गदर्शन से इस शिक्षण संस्थान को एक बेहतर संस्थान के रूप में उभारने के लिए पूरे प्रयास किये जायेंगे। बच्चों के ज्ञानवर्धन व मार्गदर्शन के लिए कॉलेज में चार दिवसीय इंडक्शन एवम ओरिएंटेशन कार्यक्रम का भी आयोजन करवाया जा चुका है। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल, सांस्कृतिक तथा सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करने के विशेष प्रयास किये जायेंगे ताकि वे देश व प्रदेश में अपना नाम चमका सकें।
