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पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को बार-बार आने वाली बाढ़ों को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर ठोस योजना बनाने के लिए कहा

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मिलकर कहा,‘राज्य हर साल करोड़ों का नुकसान बर्दाश्त करने का सामथ्र्य नहीं रखता’
नई दिल्ली – पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को केंद्र सरकार के पास माँग रखी है कि बार-बार आने वाली बाढ़ों को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर ठोस योजना बनाई जाए क्योंकि इन बाढ़ों से राज्य का करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिलकर यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि बाढ़ों की रोकथाम के लिए ठोस और कारगर विधि ढूँढे जिससे राज्य हर साल होने वाले करोड़ों रुपए के नुकसान से बच सके।मीटिंग के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री को राज्य में वाली बाढ़ों के कारणों संबंधी अवगत करवाया है और राज्य हर साल इतना बड़ा नुकसान बर्दाश्त करने की हालत में नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बाढ़ की रोकथाम के कई सुझाव दिए हैं जैसे कि नदियों में गार, रेत आदि की सफ़ाई करनी, जलाशयों का निर्माण करना जिससे अतिरिक्त पानी स्टोर किया जा सके। उन्होंने कहा कि अब यह केंद्रीय मंत्रालय के उपर है कि उन्होंने भविष्य में ऐसे संकट से बचने के लिए क्या रास्ता ढूँढना है।मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा बाढ़ों के मद्देनज़र उनकी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता लोगों की जान बचाना था। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि पंजाब के कई गाँव पानी में डूबे हुए हैं। पशु-धन के नुकसान के अलावा 1.72 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फसलों का नुकसान हुआ है और 500 से अधिक घर ढह गए हैं। मीडिया कर्मियों द्वारा यह पूछे जाने पर कि अकालियों द्वारा राज्य सरकार पर यह दोष लगाए जा रहे हैं कि बाढ़ पीडि़तों को अपेक्षित राहत देने में सरकार नाकाम हुई है, इस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल को अपने पिछले 10 साल के कार्यकाल में राज्य के बुनियादी ढांचे को बनाने और मज़बूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए थे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इस मुद्दे पर अकालियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह फावड़े उठाते और नदियों की सफ़ाई कर देते।सतलुज यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर मामले की सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई पर तैयारी संबंधी बारे पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला अदालत में है और वह इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले संबंधी मीटिंग में भी कोई चर्चा नहीं हुई।

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