चंडीगढ़ – पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरु की गई मुहिम के अंतर्गत जुलाई महीने के दौरान कुल 12 छापे मारकर 14 सरकारी मुलाजि़म और 1 प्राईवेट व्यक्ति को विभिन्न मामलों में रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू किया जिनमें पुलिस विभाग के 4, राज्स्व विभाग के 3 और अन्य विभिन्न विभागों के 7 मुलाजि़म शामिल हैं। इस सम्बन्धी चीफ़ डायरैक्टर-कम-ए.डी.जी.पी विजीलैंस ब्यूरो पंजाब बी.के. उप्पल ने कहा कि इस दौरान ब्यूरो ने सार्वजनिक सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपनी पूरी कोशिश की। इस दिशा में विजीलैंस के जांच अधिकारियों ने राज्य की विभिन्न अदालतों में चलते मुकदमों के दौरान दोषियों को न्यायिक सज़ाएं दिलाने के लिए पुख्ता पैरवी की।उन्होंने बताया कि पिछले महीने के दौरान ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार सम्बन्धी 18 मामलों के चालान विभिन्न विशेष अदालतों में पेश किये गए। इसी दौरान भ्रष्टाचार सम्बन्धी लगाए आरोपों की पुख्ता पड़ताल के लिए एक विजीलैंस जांच भी दर्ज की गई।और जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विजीलैंस द्वारा दर्ज किये गए मामलों की सुनवाई के दौरान पिछले महीने विभिन्न विशेष अदालतों ने दो सरकारी मुलाजि़मों को सज़ाएं और जुर्माने किये हैं जिनमें सैंट्रल जेल पटियाला में तैनात सिपाही मनजीत सिंह को पटियाला की अदालत द्वारा 7 साल की कैद और 1,40,000 हज़ार रुपए के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई है। इसी तरह दूसरे केस में पी.एस.पी.सी.एल मानसा में तैनात जे.ई. पवन कुमार को मानसा की अदालत द्वारा 4 साल की कैद और 30,000 हज़ार रुपए के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई है।