राष्ट्रीय ड्रग नीति के लिए भारत सरकार पर ज़ोर डालने के लिए अन्य राज्यों को भी साथ देने के लिए कहा
चंडीगढ – पाकिस्तान द्वारा विभिन्न राज्यों के द्वारा नशा-आतंकवाद (नार्को टैरोरिज़म) फैलाने पर गहरी चिंता ज़ाहिर करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नशे की समस्या से निपटने के लिए सांझे कदमों की श्रृंखला के तौर पर अंतरराज्यीय सरहदों पर सांझी कार्यवाही चलाने का प्रस्ताव पेश किया। आज यहाँ ‘नशों की समस्या-चुनौतियांं और रणनीति’ पर दूसरी क्षेत्रीय कान्फ्ऱेंस के दौरान अपने शुरुआती भाषण में मुख्यमंत्री ने इस कुरीति को जड़ से खत्म करने के लिए विस्तृत रणनीति और कार्य योजना का खुलासा करते हुए कान्फ्ऱेंस में शामिल हुए सभी राज्यों द्वारा इसको विचारने और लागू करने के लिए पेश किया। इस कान्फ्ऱेंस में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्रा सिंह रावत के अलावा जम्मू -कश्मीर, दिल्ली और चंडीगढ़ के सीनियर अधिकारियों ने नुमायंदगी की। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि नशा तस्करों को किसी मुल्क या राज्य की सरहदों तक सीमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, भारत में गड़बड़ पैदा करने के मंसूबो के साथ नशा-आतंकवाद को प्रोत्साहन दे रहा है और उड़ी और कांडला समेत अन्य स्थानों के द्वारा नशे हमारे मुल्क में धकेल रहा है। नशे की समस्या की गंभीरता का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे किसी भी राज्य द्वारा अकेले निपटना संभव नहीं जिस कारण उन्होंने सांझे यत्न करने और राष्ट्रीय ड्रग नीति बनाने का न्योता दिया। पिछले महीने अटारी (अमृतसर) में इंटीग्रेटिड चैक पोस्ट पर नशों की बड़ी खेप पकडऩे का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे अटारी व्यापारिक रास्ते के द्वारा नशा तस्करों की सक्रियता और किस हद तक पैर पसारे जाने का पर्दाफाश होता है। उन्होंने कहा कि जांच में पाकिस्तान के साथ-साथ अफगानिस्तान आधारित बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफीए के सम्मिलन का खुलासा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह समस्या राष्ट्रीय स्तर पर फैली हुई है परन्तु उत्तरी क्षेत्र इस कुरीति का सबसे अधिक प्रभाव बर्दाश्त कर रहा है। सांझे यत्नों के हिस्से के तौर पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एन.सी.बी), बी.एस.एफ और आई.बी जैसी अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ बेहतर तालमेल और सांझे ऑपरेशन चलाने का न्योता दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसे सांझे ऑपरेशनों का मकसद बड़े ड्रग समगलर जो अटारी रास्ते से भारत-पाक सरहद पार से नशों (हेरोइन) की तस्करी करते हैं, पर नकेल कसने के लिए होना चाहिए। सभी पड़ोसी राज्यों में ड्रग फ़ैक्ट्रियों पर कार्यवाही करने की माँग करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि नाजायज़ तौर पर सिंथैटिक ड्रग तैयार करने वाली इकाईयों की सही तरह से शिनाख़्त करके उचित कार्यवाही की जानी चाहिए। पंजाब के मुख्यमंत्री ने सभी राज्यों को बड़े ड्रग समगलरों/सप्लायरों को हिरासत में रखने की तजवीज़ों पी.आई.टी एन.डी.पी.एस एक्ट -1988 की भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत तैयार करने का सुझाव पेश किया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एन.डी.पी.एस के अपराधियों को ख़ास करके व्यापारिक मकसदों के लिए बड़ी मात्रा में लाईं गईं पकड़ी खेपें और लेन-देन में शामिल बड़े ड्रग समगलरों /सप्लायरों के विरुद्ध जल्दी कार्यवाही को यकीनी बनाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों की वकालत की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पास उठाएगी और बाकी राज्यों को भी इस मुद्दे की पैरवी करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने पड़ोसी राज्यों से अपील की कि एन.डी.पी.एस मामलों की सही ढंग से जांच करने के लिए जांच अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए चंडीगढ़ में रीजनल प्रशिक्षण सैंटर फॉर ट्रेनिंग ऑफ इनवैस्टीगेट्रज़ खोले जाने पर भी विचार किया जाये। उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के मौजूदा प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे/सुविधाओं को इस मंतव्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और इस सम्बन्ध में ट्रेनर/रिसोर्स पर्सन और प्रशिक्षण सामग्री मुहैया करवाने के लिए एन.सी.बी और यू.एन.ओ.डी.सी से सहयोग लिया जा सकता है। नयी दिल्ली स्थित एमज़ में स्थापित नेशनल ड्रग डिपैंडैंस ट्रीटमेंट सैंटर की तजऱ् पर चंडीगढ़ के ट्राईसिटी एरीए में एक रीजनल ड्रग डिपैंडैंस ट्रीटमेंट सैंटर स्थापित करने का प्रस्ताव पेश करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सुझाव दिया कि इस सम्बन्ध में सम्बन्धित राज्यों द्वारा भारत सरकार के समक्ष सांझे तौर पर प्रस्ताव रखा जाये। एक और अहम प्रयास के तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने सूचना के आदान-प्रदान के लिए साझा प्लेटफॉर्म कायम करके इसको अमली रूप देने का प्रस्ताव रखा जिसमें अंतरराज्यीय सरहदों के साथ या पास के इलाकों में समगलरों/गैंगस्टरों/अपराधियों के लिए पनाहगाह बने टिकानों के मद्देनजऱ पुख़्ता जानकारी सही समय पर सांझी की जाए। उन्होंने कहा कि अक्सर ड्रग सप्लायर या अपराधी जो दूसरे राज्यों के निवासी हैं और अपनी कार्यवाहियों को अंजाम पड़ोसी राज्यों में देते हैं। उन्होंने एन.डी.पी.एस के भगौड़ों की सूचियां और तस्वीरें सांझी करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। मुख्यमंत्री ने अंतरराज्यीय ड्रग समगलरों और तस्करों का साझा डाटाबेस तैयार करने और मिसलों को साझा करने के अलावा इस समस्या से युद्ध स्तर पर निपटने के लिए ज़रुरी कदमों का भी जि़क्र किया। उन्होंने फार्मास्यूटीकल ओपीओडस और सिंथैटिक ड्रग के साथ-साथ फ़ैक्ट्रियों और कैमिस्टों/उनको सप्लाई करने वाले व्यक्ति सम्बन्धी जानकारी सांझी करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब में नशों की समस्या से निपटने के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में से कुछ का जि़क्र करते हुए बाकी राज्यों को भी सांझी रणनीति और कार्य योजना को सफलता से लागू करने के लिए और नज़दीकी से काम करने का न्योता दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि अप्रैल, 2017 में उनकी सरकार ने विशेष टास्क फोर्स का गठन किया था और पंजाब में नशों की कुरीति के विरुद्ध व्यापक कार्य रणनीति ‘अमल-इलाज-रोकथाम’ (ई.डी.पी) पर आधारित तीन स्तरीय पहुंच के साथ लागू की जा रही है। पंजाब में अमलकारी कदमों संबंधी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सरहद पर तैनात बी.एस.एफ के पीछे एक और फोर्स की तैनाती के द्वारा साथ लगते इलाकों पर पूरी चौकसी और सुरक्षा बढ़ा कर नशों की सप्लाई लाईन को तोडऩे पर ध्यान दिया जा रहा है। इससे आगे नशे भेजने और बाँटने के नैटवर्क की सप्लाई लाईन में शामिल हरेक स्तर पर नशा तस्करों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है। हेरोइन की बरामदगी पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद 1 अप्रैल, 2017 से लेकर अब तक एन.डी.पी.एस एक्ट के अंतर्गत 27,799 केस दर्ज किये गए हैं और 33,756 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि 780 किलो हेरोइन, 1189 किलो अफ़ीम और बड़ी मात्रा में अन्य नशे बरामद किये गए हैं।इलाज और पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों की गिरफ्त में आ चुके लोगों को इससे निजात दिलाने के लिए ओ.ओ.ए.टी का भी जि़क्र किया जहाँ 185 ओ.ओ.ए.टी क्लिनिकों में इन लोगों का मुफ़्त इलाज किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कान्फ्ऱेंस के दौरान उनकी सरकार की तरफ से नशों के विरुद्ध रोकथाम की रणनीति के अंतर्गत विशेष तौर पर शुरू किये बड्डी और डैपो प्रोग्रामों के सामने आए नतीजे भी सांझे किये। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राजनैतिक कार्यकारी, गृह सचिवों, प्रांतीय पुलिस मुखियों और स्वास्थ्य सचिवों समेत विभिन्न स्तरों पर राज्यों के दरमियान आपसी सम्मिलन की महत्ता का भी जि़क्र किया।