मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज दुबई में इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर्ड अकांउटेंट्स ऑफ इंडिया को संबोधित करते हुए प्रवासी भारतीयों से हिमाचल प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे वे प्रदेश के विकास का भागीदार बन सकते हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को विश्व भर में निवेश के लिए प्रमुख गंतव्य के रूप में उभारने के उद्देश्य से राज्य में पहली बार निवशकों की बैठक का आयोजन किया जा रहा है। यह बैठक इस वर्ष नवंबर माह में धर्मशाला में आयोजित की जानी प्रस्तावित है। उन्होंने एसीएआई से अनुरोध किया कि वह अपने व्यवसाय सहयोगियों को हिमाचल में निवेश के लिए प्रेरित करें।जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को भारत के फल राज्य के रूप में जाना जाता है जहां सेब, प्लम, खुमानी, कीवी, अखरोट और नाशपाती आदि फलों को काफी उत्पादन किया जाता है। इस कारण प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योगां को स्थापित करने की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार औद्योगिक नीति के तहत आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए हाल ही में उद्योग नीति में कई संशोधन भी किए गए है।उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन, ऊर्जा, वैलनेस केंद्रों, अधोसंरचना विकास, फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में निवेश की बहुत संभावनाएं हैं। राज्य सरकार पर्यटन, आयुष, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और जल विद्युत क्षेत्रों में निवेशकों की मांग के अनुरूप नीतियों का निर्धाकरण करने जा रही है।उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने इस अवसर प विदेश में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने संबंधित राज्यों के सतत् विकास में सहयोग के लिए अपना योगदाद देने के लिए आगे आएं। उन्होंने कह कि हिमाचल की सरकार और नौकरशाही बहुत सुलभ और ग्रहणशील है।दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत विपुल ने भी एसीएआई के सदस्यों और प्रदेश् के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित किया और यूएई में निवेशकों को लुभाने के लिए हिमाचल सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, मनोज कुमार और राम सुभग सिंह, निदेशक उद्योग हंस राज शर्मा, विशेष सचिव आबिद हुसैन सादिक और मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विनय सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे।