पंजाब

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सिख रेजीमेंट के साथ पटियाला परिवार के 100 वर्षीय संबंधों का समारोह मनाया

चंडीगढ़ – सिख रेजीमेंट के साथ अपने परिवार के संबंधों के जश्न मनाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बटालियन और भारतीय सेना के साथ पटियाला परिवार के 100 सालों से चले आ रहे संबंधों के संदर्भ में पिछली शाम रेजीमेंट के जवानों, जूनियर कमिशन्ड अफसरों और अफसरों की मेज़बानी की। पिछली शाम चंडीमंदिर में एक सांस्कृतिक प्रोग्राम के दौरान अपनी खुशियाँ साझा करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने जवानों के साथ जश्न मनाए और कुछ समय के लिए उनके साथ भंगड़ा भी किया। वह जे.सी.ओ. मैस गए और बाद में अफ़सर मैस में अफसरों और मेहमानों के साथ रात्रि भोज किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जवानों और उनके परिवारों और उनके बच्चों के साथ पल साझे किये। मुख्यमंत्री ने सिख रेजीमेंट (किसी समय 15 लुधियाना सिखज़) की दूसरी बटालियन के सदस्यों के साथ खुले रूप में अपना एक -एक पल बिताया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह उनके परिवार के लिए बहुत गौरव और सम्मान की बात है कि उन्होंने भारतीय सेना में एक सेनानी के तौर पर देश की सेवा की है। उन्होंने कहा कि सेना उनका पहला प्यार है और यह हमेशा ही बना रहेगा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि भारतीय सेना लगातार उनको अपने लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित करती आई है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने 1963 से 1969 तक सिख रेजीमेंट की दूसरी बटालियन में सेवा निभाई। चाहे उन्होंने अपनी पारिवारिक जिम्मेवारियों के कारण कुछ समय बाद ही सेना की नौकरी छोड़ दी परन्तु वह 1965 में शुरू हुए भारत -पाकिस्तान युद्ध के समय फिर सेना में आ गए।
इससे पहले 1935 में कैप्टन अमरिन्दर सिंह के पिता लेफ्टिनेंट जनरल महाराजा यादविन्दर सिंह ने रेजीमेंट की सेवा की और वह 2/11 रोयल सिख और 2 सिखज़ के क्रमवार 1938 से 1950 और 1950 से 1971 तक कर्नल रहे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दादा जी मेजर जनरल महाराजा भूपिन्दर सिंह 1918 से 1922 तक 15वीं लुधियाना सिखज़ के कर्नल और 1922 से 1938 तक 2/11 रोयल सिखज़ के कर्नल रहे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एक चाँदी का मोमैंटो बटालियन को दिया जिसमें सिख रेजीमेंट का एक सेनानी लड़ता हुआ दिखाया गया है। इसको अफ़सर मैस में प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ उनके भाई मलविन्दर सिंह, उनकी बहने और बहनोईए हेमिन्दर कौर, उनके पति के. नटवर सिंह और रूपिन्दर कौर, उनके पति मेजर के. एस. ढिल्लों (आरमर्ड कोर्पस) के अलावा परिवार के दूसरे सदस्यों में कैप्टन अमरिन्दर सिंह के पुत्र रनिन्दर सिंह, उनकी बेटी जय इन्दर कौर और दोहता निर्वान सिंह उपस्थित थे।

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