प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत अपने सहयोगी देशों के विकास लक्ष्यों को हासिल करने में उनका पूरी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार है. नई दिल्ली में बुधवार को चौथे भागीदारी मंच का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत उन शुरुआती देशों में शामिल है, जिन्होंने किशोरों के स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों को लागू करने पर विशेष जोर दिया है. पीएम ने कहा है कि 2025 तक भारत स्वास्थ्य में जीडीपी का 2.5 फीसदी खर्च करेगा. सम्मेलन का उद्देश्य महिलाओं बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य और खुशहाली में सुधार के उपायों पर विचार करना है.
भारत में दूसरी बार हो रहे सम्मेलन का उद्देश्य स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों को तेज़ी से लागू करने के लिए जानकारी और जवाबदेही व्यवस्था को बढ़ाना है. मातृत्व, नवजात और किशोर के स्वास्थ्य पर कई देशों के अनुभव और वहां हो रहे बदलावों को समेटे एक किताब ‘प्रूवेन पाथ्स’ का विमोचन भी प्रधानमंत्री ने किया. पीएम नरेंद्र मोदी ने महिलाओं, बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में आए बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि देश की मौजूदा स्थिति से उम्मीद जगी है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इस क्षेत्र में आने वाली सभी रुकावटें खत्म हो जाएगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मिशन इंद्रधनुष के तहत पिछले तीन सालों के दौरान 3 करोड़ 28 लाख बच्चों और 84 लाख गर्भवती स्त्रियों का टीकाकरण किया गया.
प्रधानमंत्री ने आयुष्मान के बढ़ते दायरे का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि मात्र पिछले 80 दिनों के भीतर पांच लाख परिवारों ने 700 करोड़ रुपये की मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं का फायदा उठाया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की देखभाल, बच्चों में कुपोषण से लड़ने के लिए पोषण अभियान, उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया गया. इसके साथ ही सरकार ने महिलाओं को सुविधा देते हुए मातृत्व अवकाश को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्तों का किया है. उन्होंने कहा कि 2025 तक जीडीपी का 2.5 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मां का स्वास्थ्य ही बच्चों के स्वास्थ्य को निर्धारित करता है और ये ही हमारा और विश्व का भविष्य भी निर्धारित करता है. उन्होंने कहा कि भारत सहयोगी देशों को कौशल विकास, प्रशिक्षण कार्यक्रम, किफायती दवाइयों और टीको के साथ जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर है.
दो दिवसीय ये अंतराष्ट्रीय सम्मेलन भारत में लगातार होते जीवन स्तर के सुधारों और बदलावों की कहानी को दुनिया के सामने रखेगा.