नवम्बर 2018 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.75 लाख करोड़ रूपये रहा है। यह पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 15.7 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल 2018 से नवम्बर 2018 तक तक की अवधि के दौरान 1.23 लाख करोड़ रूपये का रिफंड जारी किया गया है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में जारी किए गए रिफंड की तुलना में 20.8 प्रतिशत अधिक है।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर अवधि में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.7 प्रतिशत बढ़कर 6.75 लाख करोड़ रुपये रहा. वित्त मंत्रालय की ने सोमवार को एक बयान में जानकारी दी कि चालू वित्त वर्ष की इस अवधि में 1.23 लाख करोड़ रुपये का रिफंड किया गया. यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में जारी किए गए रिफंड से 20.8 प्रतिशत अधिक है. उन्होंने कहा, ‘आरंभिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर अवधि में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 15.7 प्रतिशत बढ़कर 6.75 लाख करोड़ रुपये रहा.’
गौरतलब है कि साल 2018-19 के बजट में 11.50 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा गया है. अभी तक का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह कुल बजट अनुमान के 48 प्रतिशत के बराबर है. समीक्षावधि में कारपोरेट आयकर और निजी आयकर का सकल संग्रह क्रमश: 17.7 प्रतिशत और 18.3 प्रतिशत बढ़ा है. रिफंड का हिसाब-किताब करने के बाद कारपोरेट आयकर संग्रह में 18.4 प्रतिशत की शुद्ध वृद्धि और निजी आयकर संग्रह में 16 प्रतिशत की शुद्ध वृद्धि दर्ज की गई.
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में हुए कर संग्रह में आय घोषणा योजना 2016 के तहत किए गए खुलासों से मिला कर भी शामिल है. इसकी तीसरीऔर आखिरी किश्त 10,833 करोड़ रुपये रही. चालू वित्त वर्ष के संग्रह में यह शामिल नहीं है.