नई दिल्ली। रिलायंस जियो को होने वाली स्पेक्ट्रम बिक्री का रास्ता साफ करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (Rcom) को दो दिनों के भीतर 14 अरब रुपये की कॉरपोरेट गारंटी जमा करने का आदेश दिया है। कॉरपोरेट गारंटी जमा करने के बाद रिलायंस कम्युनिकेशंस को स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिल सकेगा।कॉरपोरेट गारंटी रिलायंस रियल्टी लिमिटेड की तरफ से जारी की जाएगी, जो कि आरकॉम की पूर्ण सहायक कंपनी है। आरकॉम की तरफ से कॉरपोरेट गारंटी जमा किए जाने के बाद सरकार को एक हफ्ते के भीतर उसे स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करना होगा।सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला वैसे समय में सामने आया है जब दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार अपीली प्राधिकरण (टीडीसैट) के एक अक्टूबर को दिए गए आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कर्ज से लदी आरकॉम को रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम बेचने की मंजूरी दी गई थी।सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका में दूरसंचार विभाग ने कहा है कि रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए रिलायंस कम्युनिकेशंस को 29 अरब रुपये की बैंक गारंटी देनी होगी।गौरतलब है कि कर्ज को कम करने की कोशिशों के तहत अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस ने दिसंबर 2017 में रिलांयस जियो के साथ 250 अरब रुपये की स्पेक्ट्रम बिक्री की डील पर हस्ताक्षर किया था। रिलायंस जियो, रिलांयस इंडस्ट्रीज का स्टार्टअप है, जिसकी कमान मुकेश अंबानी के हाथों में है। इस डील में विभिन्न बैंकों के पास बंधक रखी गई संपत्ति की बिक्री भी शामिल है ताकि रिलायंस कम्युनिकेशंस के खिलाफ चल रही दीवाला प्रक्रिया को खत्म किया जा सके।कंपनी को अपने वायरलेस असेट्स और रियल एस्टेट की बिक्री से 180 अरब रुपये मिलने की उम्मीद है।सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कंपनी के शेयरों में जबरदस्त उछाल आया है। खबर लिखे जाने तक बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में कंपनी का शेयर करीब 8 फीसद से अधिक की बढ़त के साथ 13.81 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।
