वाशिंगटन। अमेरिका ने पाकिस्तान से मांग की है कि वह चीन से लिए सभी कर्ज में पारदर्शिता दिखाए। ट्रंप प्रशासन की ओर से यह मांग उन चिंताओं के बीच की गई है कि चीनी कर्ज के भुगतान के लिए पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से बेलआउट पैकेज पाने के प्रयास में जुटा है।अमेरिका के कोषागार विभाग में अंतरराष्ट्रीय मामलों के अंडर सेक्रेटरी डेविड मेलपास ने संसदीय समिति के समक्ष कहा कि आइएमएफ टीम पाकिस्तान से अभी लौटकर आई है। हमारा जोर इस बात पर है कि कर्ज में पारदर्शिता दिखाई जाए। मेलपास ने यह जवाब सीनेट की विदेश संबंधों की उपसमिति की सुनवाई के दौरान सीनेटर जेफ मेकर्ले के पाकिस्तान को चीन से मिले कर्ज से जुड़े सवाल पर दिया।मेकर्ले ने कहा कि पाकिस्तान में चीन ने भारी निवेश कर रखा है। मेरे खयाल से यह राशि 62 अरब डॉलर (करीब 4.33 लाख करोड़ रुपये) होगी और वे आइएमएफ से 12 अरब डॉलर (करीब 84 हजार करोड़ रुपये) का बेलआउट मांग रहे हैं। उन्होंने अमेरिका से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि हम इसमें बाधा खड़ा नहीं करें। क्या आइएमएफ का धन इस मद में जा रहा है कि पाकिस्तान इसकी मदद से चीनी बैंकों से मिले कर्ज का भुगतान करे? क्या यह आर्थिक विकास की अच्छी रणनीति है?’ आइएमएफ से बेलआउट पैकेज की लगाई है गुहार:-पाकिस्तान ने आर्थिक संकट से उबरने के लिए गत अक्टूबर में आइएमएफ से बेलआउट पैकेज की गुहार लगाई थी। लेकिन आइएमएफ की कड़ी शर्तो को देखते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान के सदाबहार मित्र चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की यात्रा कर आर्थिक मदद मांग चुके हैं।
