राष्ट्रपति भवन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ‘मेकिंग ऑफ न्यू इंडिया’ किताब का विमोचन कर पहली प्रति राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को दी। राष्ट्रपति ने कहा सुशासन ने न्यू इंडिया को आकार देने में मदद दी है, वहीं वित्त मंत्री ने कहा केंद्र में निर्णायक सरकार है।
अर्थशास्त्री विवेक देबरॉय, किशोर देसाई और अनिर्वान गांगुली द्वारा संपादित और अलग अलग क्षेत्रों के 51 जानकारों द्वारा लिखित आलेखों को एक साथ ‘मेकिंग ऑफ न्यू इंडिया- Transformation Under Modi Government’ पुस्तक में संकलित किया गया है जिसका लोकार्पण आज किया गया। राष्ट्रपति भवन में एक खास कार्यक्रम में इस पुस्तक का विमोचन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की उपस्थिति में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा किया गया। इसकी पहली प्रति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेंट की गई। पुस्तक में पिछले साढ़े चार वर्षो के दौरान आर्थिक सुधार, विकास एवं सुशासन, विदेश मामलों समेत विभिन्न क्षेत्रों में किये गए सरकार के कार्यो को समाहित किया है। इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ऐसी कई अहम योजनाएं लेकर आई जिससे करोड़ो लोगों को फायदा पहुंचा है। उन्होंने साथ ही कहा कि गरीबों, पिछड़ों के सशक्तिकरण के लिए भी सरकार ने सराहनीय भूमिका निभाई है।
वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत थी जो निर्णय ले सके। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार सालों में केंद्रीय कर में बढ़ोतरी हुई है साथ ही हमारी सरकार राज्य सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विकास की इस यात्रा में चल रही है।
