राज्य में विभिन्न मैडीकल स्टोरों को भेजी गई 4300 शीशियों में से 800 जब्त
चंडीगढ़ – ड्रग कंट्रोल टीम ने जालंधर की दिलखुश मार्केट में एक मैडीकल स्टोर पर छापा मार कर फज़ऱ्ी मार्के वाली दवाएँ बिकने का पर्दाफाश किया है। इस छापे के दौरान दवा की ऐसी 78 शीशियाँ जब्त हुई। खाद्य और ड्रग एडमनिस्ट्रेशन पंजाब के कमिशनर स. काहन सिंह पन्नू ने बताया कि शक है कि यह दवाएँ नकली हैं। स. पन्नू ने और विवरण देते हुए कहा कि इस बाज़ार में नकली दवाएँ बिकने की सूचना मिली थी, जिस के आधार पर दिलखुश मार्केट में छापा मारने के लिए जालंधर और कपूरथला के ड्रग कंट्रोल अधिकारियों पर आधारित टीम बनाई गई। जांच में खुलासा हुआ कि एक मैडीकल स्टोर पर एक ही तरह की पैकिंग वाली दो दवाएँ पड़ी थी। एक पैकिंग पर नियमों के मुताबिक दवा बनाने वाली कंपनी का नाम दर्ज था, जबकि दूसरी पैकिंग पर यह नाम नहीं था। एक अन्य विरोधाभासी तथ्य यह भी सामने आया है कि एक दवा पर ‘शेड्यूल एच’ लिखा हुआ था, जिसको सिफऱ् डाक्टर की सिफ़ारिश पर ही बेचा जा सकता है, जबकि दूसरी पर यह शर्त दर्ज नहीं थी। स. पन्नू ने बताया कि शक है कि यह मामला सिफऱ् बड़ी कंपनियों के जाली मार्के लगा कर दवाएँ बेचने का नहीं है, बल्कि यह दवा नकली भी हो सकती है। चार नमूने लेकर आगामी जांच के लिए भेजे गए हैं और दवाओं का यह स्टाक ज़ब्त कर लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि पिछली जांच को जारी रखते हुए फगवाड़ा के मैडीकल स्टोरों की भी जांच की गई और नंगल माझा के एक मैडीकल स्टोर से इसी जाली मार्के वाले वरिकलोर सिरप की 12 शीशियाँ ज़ब्त की गई हैं।श्री पन्नू ने कहा कि इस मुद्दे संबंधी तुरंत कार्यवाही करते हुए कमिश्नरेट द्वारा सी एंड एफ ( कैरिंग और फॉरवरडिंग) स्तर पर ड्रग की सप्लाई संबंधी तत्काल जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया। प्राथमिक रिपोर्टों से पता चला है कि राज्य के विभिन्न मैडीकल स्टोरों को 4300 शीशियां भेजी गई हैं जिनमें से अब तक 800 शीशियां ज़ब्त कर ली गई हैं। उन्होंने ड्रग कंट्रोल अधिकारियों को अपने अधीन क्षेत्रों में ऐसी दवाओं की बिक्री पर नजऱ रखने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि नशे के लिए इस्तेमाल की जा रही दवाओं को स्टोर करने पर नजऱ रखने के साथ साथ ‘ड्रगज़ और कौस्मैटिक्स एक्ट’ की पालना यकीनी बनाने के लिए ड्रग कंट्रोल विंग, मैडीकल स्टोरों पर बाकायदा जांच कर रहा है।