सरकार की तमाम कोशिशों से भारत में कारोबार करना आसान हो गया है. छोटे से लेकर मझोले कारोबारी तक आसानी से अपना कारोबार अब आसानी से कर पा रहे हैं. सरकार की कोशिशों से न केवल लोन मिलना आसान हुआ है, बल्कि प्रक्रियाओं का सरलीकरण हुआ है. यही वजह है कि विश्व बैंक की रिपोर्ट में भी भारत ने लंबी छलांग लगाई है. कारोबारी सुगमता रैंकिंग में छलांग के लिए विश्व बैंक ने पीएम मोदी की तारीफ की है और उनके नेतृत्व और प्रतिबद्धता की तारीफ की है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बार-बार ये साफ कर चुकी है कि देश में कारोबार आसान करना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. सरकार चाहती है कि बड़ा कारोबारी हो या फिर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी सब आसानी से अपना कारोबार कर सकें. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के कार्यक्रम में पहुंचे पीएम मोदी ने बताया कि कैसे सरकार ने तमाम कदमों से इस क्षेत्र की दशा सुधार और दिशा परिवर्तन कर दिया है.
पीएम मोदी के मुताबिक सरकार ने इस दिशा में जो अहम कदम उठाए हैं उससे ऋण मिलने की सहूलियत, कम लागत पर ऋण मिलना, कारोबारी को समय पर उसके माल का भुगतान, बाजार तक पहुंच आसान करना और प्रक्रियाओं का सरलीकरण शामिल है.
प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे सरकार की तमाम कोशिशों से भारत में कारोबार करना आसान हो गया है. पीएम मोदी ने बताया कि विश्व बैंक ने अपनी नवीनतम ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट’ में भारत ने ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में 23 पायदानों की और ऊंची छलांग लगाई है. 190 देशों वाली ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’ में भारत वर्ष 2017 के 100वें पायदान से और ऊपर चढ़कर अब 77वें पायदान पर पहुंच गया है. पिछले साल इस सूचकांक में भारत ने अपनी रैंकिंग में 30 पायदानों की जबर्दस्त छलांग लगाई थी. सरकार की कोशिशों की बदौलत ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में भारत पिछले दो वर्षों में 53 पायदान और पिछले चार वर्षों में 65 पायदान ऊपर चढ़ गया है.
ये रैकिंग जिन 10 मानकों पर तैयार की जाती है भारत उन 6 मानकों में अपनी रैंकिंग को बेहतर करने में कामयाब रहा है. सबसे उल्लेखनीय सुधार ‘निर्माण परमिट’ और ‘सीमा पार व्यापार’ से जुड़े संकेतकों के मामले में देखा गया है. निर्माण परमिट की स्वीकृति देने के मामले में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 की 181वीं से बेहतर होकर 2018 में 52वीं हो गई है. यानि एक साल में 129 रैंकिंग का अभूतपूर्व सुधार. इसी तरह ‘सीमा पार व्यापार’ से जुड़े संकेतकों के मामले में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 की 146वीं से बेहतर होकर वर्ष 2018 में 80वीं हो गई है. कारोबार शुरू करने में भारत की रैंकिग 156 से बेहतर होकर 137 हो गई है, यानि 19 अंकों का उछाल.
इसके अलावा ऋण प्राप्त करने, बिजली प्राप्त करने और अनुबंधों पर अमल करना शामिल है.
