हिमाचल प्रदेश

राज्यपाल से मिला निर्वासित तिब्बती संसद का प्रतिनिधिमण्डल

निर्वासित तिब्बती संसद के एक प्रतिनिधिमण्डल ने आज राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत से भेंट कर हिमाचल में पिछले 60 वर्षों से रह रहे निर्वासित तिब्बतियों के सहयोग एवं समन्वय के लिए राज्यपाल के माध्यम से भारत व प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधिमण्डल में निर्वासित तिब्बती संसद के सांसद सर्वश्री दावा शेरिंग, जामपल तेनज़िंग, ताशी धोनडुप तथा श्रीमती सेमतन कोइदुन शामिल थे। निर्वासित तिब्बती संसद का प्रतिनिधिमण्डल देश के विभिन्न राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों एवं सांसदों से भेंटकर भारत में उनके निर्वासन के लिए आभार व्यक्त कर रहा है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि तिब्बत और भारत के बीच हजारों वर्षों का मैत्रिता सह-अस्तित्व और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का इतिहास रहा है। वे ऐसे पड़ोसी देश हैं, जिनके अपने समृद्ध प्राचीन और सम-सामयिक सभ्यताजनक संबंध रहे हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि निर्वासन के 60 सालों के दौरान धर्मगुरु दलाई लामा का निवास और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का केंद्र हिमाचल में स्थापित किया गया है।तिब्बत के प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण के लिए चर्चा की जानी चाहिए। तिब्बत की स्वाधीनता के लिए चीन की सरकार तिब्बती जनता की जनभावनाओं को देखते हुए समुचित विचार करे। तिब्बत जनता की भाषाई विरासत और संस्कृति को चीन नष्ट कर रहा है। चीन को इस बात के लिए मनाया जाए कि वे ऐसे अत्याचारपूर्ण दस्तूर बंद करे। उन्होंने आग्रह किया कि भारतीय संसद, राज्य विधानसभाओं एवं अन्य संस्थाओं द्वारा तिब्बत मसले पर प्रस्ताव पारित कर अभियान शुरू कर सहयोग करे।

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.

5 × 1 =

Most Popular

To Top