गुरूवार से एशियन चैम्पियंस हॉकी टूर्नामेंट की शुरूआत होगी जहां भारत गत चैम्पियन के तौर पर सामने होगा।अगले महीने होने वाले विश्व कप से पहले ये एक बड़ा टूर्नामेंट है जहां भारतीय टीम की कोशिश अपने ख़िताब पर कब्ज़ा जमाए रखने की होगी।भारतीय टीम दो बार एशियन चैम्पियंस हॉकी टूर्नामेंट का ख़िताब जीत चुकी है।हॉकी विश्व कप से पहले अपनी तैयारी को परख़ने और अपनी कमियों को दूर करने का बड़ा मौका लेकर आया है हॉकी की एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी जहां 6 देशों के बीच मस्कट में भिड़ंत देखने को मिलेगी।भारतीय टीम की बात करे तो विश्व रैंकिंग में नंबर 5 पर मौजूद भारतीय टीम इस टूर्नामेंट की डिफेंडिंग चैम्पियन है और टीम ने पिछली बार चिर प्रतिदव्ंदी पाकिस्तान को शिकस्त देकर साल 2016 में इस ट्रॉफी पर अपना कब्ज़ा जमाया था।
भारतीय टीम प्रतियोगिता में अपने अभियान की शुरूआत 18 अक्टूबर को मेज़बान ओमान के ख़िलाफ खेलकर करेगी।एशियन गेम्स में भले ही टीम इंडिया अपने ख़िताब को नहीं बचा पाई लेकिन एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी में टीम अपनी तरफ से कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। प्रतियोगिता में भारतीय टीम को कड़ी चुनौती मलेशिया,एशियन गेम्स की स्वर्ण पदक विजेता जापान,दक्षिण कोरिया और पाकिस्तान से मिलेगी।टीम 20 अक्टूबर को पाकिस्तान से,तो 21 अक्टूबर को जापान से 23 अक्टूबर को मलेशिया से और 24 अक्टूबर को दक्षिण कोरिया से भिड़ना है।भारतीय टीम को एशियन गेम्स के सेमीफ़ाइनल में मलेशिया से हार का मुंह देखना पड़ा था ऐसे में टीम के पास उस हार का हिसाब चुकता करने का मौका होगा लेकिन इसके लिए टीम को अभी भी फील्ड लेवल,डिफेंस लेवल और अटैकिंग लेवल पर अपनी कमियों को दूर करना है,ख़ासकर टीम को अंतिम समय में गोल खाने की अपनी फितरत को दूर करना होगा,साथ ही साथ आपसी तालमेल और पासिंग टाइम को भी बेहतर बनाना होगा।भारतीय टीम इन सभी पहलुओं पर काम कर रही है साथ ही साथ पेनाल्टी कॉर्नर पर भी महारथ हासिल करने की दिशा में खुद को आगे बढ़ा रही है,क्योकि ये एक ऐसा प्वाइंट जहां अक्सर अहम मौकों पर टीम फिसलती दिखी है।