राज्य के विजीलैंस प्रमुख बी.के उप्पल ने कहा कि अनियमितता सम्बन्धी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएगी
चंडीगढ़,
राज्य में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के मद्देनजऱ, विजीलैंस ब्यूरो द्वारा पी.आर.टी.सी/ट्रांसपोर्ट विभाग के इंजीनियरों/मकैनिकों और मैडीकल टीमों की सहायता से राज्यभर में 108 टैलिफ़ोन नंबर के अधीन एंबूलैंसों की औचक चैकिंग की गई। इस संबंधी खुलासा करते हुए मुख्य डायरैक्टर-कम-ए.डी.जी.पी. विजीलैंस ब्यूरो श्री बी के उप्पल ने बताया कि ब्यूरो को कई स्थानों से इन ऐंबूलैसों की ख़स्ता हालत बारे शिकायतें आ रही थीं। इसलिए राज्यभर में औचक चैकिंग करने का फ़ैसला लिया गया। उन्होंने जानकारी दी कि इस विशेष मुहिम के अंतर्गत टीमों द्वारा वाहनों की हालत और उनमें लगे उपकरणों और ऐंबूलैंसों से संबंधित स्टाफ को दी गई हिदायतों के अनुसार इनके समूचे रख-रखाव की जांच की गई। ब्यूरो ने स्वास्थ्य विभाग और परिवहन विभाग के अधिकारियों को एंबूलेंसों की स्थिति और जीवन रक्षक दवाएं और अन्य उपकरणों की स्थिति की जांच करने के लिए कहा जोकि ठेकेदार कंपनी द्वारा रखेे जाने चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि इस मुहिम के अंतर्गत सिफऱ् अपने अपने स्टेशनों पर खड़ी (ऑफ रोड) ऐंबूलैंसों की ही चैकिंग की गई। विभिन्न अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए श्री उपल्ल ने कहा कि राज्यभर में एंबुलेंस 108 की सेवाओं में सुधार करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को जल्द भेजी जा रही है। श्री उप्पल ने कहा कि जांच के दौरान इन टीमों ने पाया कि कई ऐंबूलैंसों में एयर कंडीशन व्यवस्था, इन्वर्टर और अन्य दूसरे ज़रूरी उपकरण जैसे गैस कटर, आग बुझाने वाले उपकरण आदि सही ढंग से कार्य करने योग्य नहीं थे और कई वाहनों में स्टप्पनी भी नहीं थी। ऐंबूलैसों में रख-रखाव और साफ-सफ़ाई की सुविधा की कमी भी पाई गई। यह भी देखा गया कि ड्राईवरों और पैरा मैडीकल स्टाफ द्वारा ड्यूटी के दौरान वर्दी नहीं पहनी जाती। कई ऐंबूलैंसें 8 से 10 वर्ष पुरानी हैं और निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी इनमें लगे चिकित्सा उपकरणों को बदला नहीं गया है। और जानकारी देते हुए श्री उप्पल ने कहा कि ज़्यादातर ऐंबूलैंसों में कोलैप्सीबल स्ट्रेचर और पल्स ऑक्सीमीटर भी सही ढंग से काम नहीं कर रहे थे। इसके अलावा इन एंबूलेंसों में जीवन रक्षक (लाईफ़ सेविंग) दवाएँ और रिक्वरी किट्स भी उपलब्ध नहीं थीं। उन्होंने आगे बताया कि सिफऱ् एक आक्सीजन सिलंडर में आक्सीजन पाई गई जबकि लगभग सभी ऐंबूलैंसों में दूसरा अतिरिक्त सिलेंडर खाली पाया गया। बहुत से वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट, बीमा और प्रदूषण सर्टिफिकेट के बिना पाए गए। यहाँ तक कि कुछ गाड़ीयाँ के दरवाज़े और छतें भी ठीक स्थिति में नहीं थे इन सभी कमियों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, विजीलैंस ब्यूरो ने सेवा प्रदाता को मौके पर सख्त हिदायतें दी कि वह हर मरीज़ को हस्पताल पंहुचाने के उपरांत ऐंबूलैंसों की साफ़ सफ़ाई को यकीनी बनाएं जिससे राज्य के लोगों को बढिय़ा स्वास्थ्य सहूलतें मुहैया करवाई जा सकें।